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‘कोटे में कोटा' मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, SC-ST के 'अमीर' लोग होंगे आरक्षण से बाहर!

SC-ST Reservation Issue: सुप्रीम कोर्ट ने ‘कोटे में कोटा' मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। जिसके बाद अब SC-ST के पिछड़े समुदायों के बीच अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को आरक्षण देने का रास्ता खुल गया है।

‘कोटे में कोटा' मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, SC-ST के 'अमीर' लोग होंगे आरक्षण से बाहर!

SC-ST Reservation Issue: सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST के पिछड़े समुदायों के बीच अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने का रास्ता खोल दिया। यानी अब SC -ST एक्ट के अंदर ही उन लोगों को आरक्षण देने के रास्ता साफ़ हो सकता है जो पिछड़े हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोटा के भीतर कोटा तर्कसंगत अंतर पर आधारित होगा। वहीं आपको बता दें कि अदालत ने 2004 में ईवी चिन्नैया मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के फैसले को पलट दिया है। मौजूदा पीठ ने 2004 में दिये उस फैसले को दरकिनार कर दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी/एसटी जनजातियों में सब कैटेगरी नहीं बनाई जा सकती है।

SC-ST  मामले में छह जजों का फैसला

कोटे में कोटा' मामले में कुल 565 पृष्ठों के छह फैसले लिखे गये हैं। प्रधान न्यायाधीश ने अपनी ओर से और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की ओर से फैसले लिखे, जबकि न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति पंकज मिथल न्यायमूर्ति सतीश चंद्र मिश्रा और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने अपने-अपने फैसले लिखे। न्यायमूर्ति त्रिवेदी को छोड़कर अन्य पांच न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश के निष्कर्षों से सहमत थे।