Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Udaipur News: 'आदमखोर' पैंथर से छुटकारा दिलाने के लिए इस शार्प शूटर की एंट्री, ‘जिंदा या मुर्दा’ जानिए पूरी रणनीति....

गोगुंदा रेंज में पिछले 13 दिनों में एक के बाद एक सात लोगों को 'आदमखोर' पैंथर अपना शिकार बना चुका है। इसको पकड़ना वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

Udaipur News: 'आदमखोर' पैंथर से छुटकारा दिलाने के लिए इस शार्प शूटर की एंट्री, ‘जिंदा या मुर्दा’ जानिए पूरी रणनीति....

राजस्थान सरकार के लिए 'आदमखोर' पैंथर सिरदर्द बन चुका है। ये आदमखोर एक के बाद एक अपना शिकार कर रहा है और मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसको पकड़ने के लिए देश के जाने-माने शूटर शफत अली खान को हैदराबाद से उदयपुर बुलवाया गया है। हैदराबाद से आई शफत अली की टीम ने बुधवार को जंगल का सर्वे करने के बाद अपना मोर्चा संभाल लिया है। उनके अलावा वन विभाग, पुलिस और सेना की 10 टीमों ने करीब तीन किलोमीटर के इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है। रणनीति कामयाब रही तो चारों तरफ से घिरे 'आदमखोर' पैंथर का बचकर भागना मुश्किल हो जाएगा।

इसे भी पढ़िये - 

गोगुंदा रेंज में पिछले 13 दिनों में एक के बाद एक सात लोगों को 'आदमखोर' पैंथर अपना शिकार बना चुका है। इसको पकड़ना वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। वन विभाग पैंथर को पकड़े उससे पहले ही वो अपना ठिकाना बदल लेता है और अगले गांव में जाकर किसी और को अपना शिकार बनाता है। इसके चलते मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने पैंथर को मारने के आदेश पर मुहर लगा दी है।

आखिर कौन हैं नवाब शफत अली खान ?

जब कोई जानवर इंसान की जान के लिए खतरा बन जाता है या फिर जानवर की जान पर बन आती है तो सरकार नवाब शफत अली की मदद लेती है। वे एक जाने-माने शिकारी और ट्रैंकुलाइजिंग विशेषज्ञ हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के आतंक के मामले में उन्हें बुलाया गया था। हिंसक जानवरों को मारने या ट्रैंकुलाइज करने के लिए उन्होंने कई बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन किए हैं। वे बिहार वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य भी हैं। शफात अली का जन्म हैदराबाद में हुआ था। उनके दादा और पिता भी शूटर रहे हैं।

ऑपरेशन 'आदमखोर' पैंथर तैयार

शूटर नवाब शफात अली खान हैदराबाद से सुबह करीब 11.30 बजे उदयपुर पहुंचे। जहां उन्होंने राठौड़ का गुढ़ा पहुंचकर वन अधिकारियों से पैंथर को पकड़ने की एक रणनीति बनाई। इसके बाद उन्होंने जंगल और उन जगहों का निरीक्षण किया, जहां पिछले दिनों शिकार हुआ था। इसके बाद उन्होंने बुधवार रात को होने वाले ऑपरेशन के लिए अपनी लोकेशन तय की। जहां उन्होंने अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाला। उनकी टीम में दो और सहयोगी शामिल हैं।