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राजस्थान के सुंदर महल के साथ अगर नृत्य भी देखना चाहते हैं, तो जरुर जाएं बागोर की हवेली

राजस्थान का इदयपुर अपने आप में ही काफी फेमस है। लेकिन यहां कि बागोर की हवेली में टूरिस्ट को जरुर भ्रमण करना चाहिए। यहां राजस्थान के कई तरह के डांस शो भी होते हैं।

राजस्थान के सुंदर महल के साथ अगर नृत्य भी देखना चाहते हैं, तो जरुर जाएं बागोर की हवेली
बागोर की हवेली

राजस्थानी खाने, परिधान के साथ ही राजस्थान के नृत्य भी काफी फेमस है। अगर आप राजस्थान जा रहे हैं, तो उम्मीद करते हैं कि एक बार राजस्थानी नृत्य का आनंद तो जरुर लें सकें। तो आज हम आपको राजस्थान के उदयपुर की बागोर की हवेली के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी विरासत के साथ ही तरह-तरह के डांस शो के लिए भी जानी जाती है।

बागोर की हवेली का इतिहास

बागोर की हवेली काफी भव्य महल है, जिसे 18वीं शताब्दी में गंगोरी घाट पर पिछोला झील के तट पर बनवाया गया था। बागोर की हवेली का इतिहास दो शताब्दियों तक फैला हुआ है। इसे 1751 में अमर चंद बड़वा ने अपने आधिकारिक निवास के रूप में बनवाया था। उन्होंने चार महाराणाओं प्रताप सिंह द्वितीय, राज सिंह द्वितीय, अरी सिंह और हमीर सिंह के अधीन मेवाड़ साम्राज्य के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। बाद में हवेली पर मेवाड़ शाही परिवार के कब्जे में आ गई और महाराणा भीम सिंह के रिश्तेदार नाथ सिंह का निवास स्थान बन गई।

इसके बाद साल 1878 में बागोर के महाराज शक्ति सिंह, जो कि महाराणा सज्जन सिंह के सबसे छोटे बेटे ने अधिग्रहण कर इसमें एक त्रि-धनुषाकार प्रवेश द्वार जोड़ दिया। इसके बाद से इसे बागोर की हवेली के नाम से जाना जाने लगा। आज़ादी के बाद सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के आवास के लिए इसे उपयोग किया जाने लगा। फिर 1993 में, हवेली को एक संग्रहालय के तौर पर जनता के लिए खोल दिया गया।

बागोर की हवेली की वास्तुकला

बागोर की हवेली राजस्थानी वास्तुकला और शिल्प कौशल का एक शानदार उदाहरण है। यहां 100 से ज्यादा कमरे हैं, जिनपर कांच और दर्पण का काम, रंगीन चित्र और पेंटिंग, नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और खिड़कियां और फर्नीचर और कलाकृतियों से सजाया गया है।

बागोर की हवेली में धरोहर डांस शो

बागोर की हवेली का सबसे मुख्य आकर्षण धरोहर डांस शो है, जोकि हर शाम हवेली के प्रांगण में होता है। यह शो एक सांस्कृतिक उत्सव की तरह आयोजित होता है। जो राजस्थान के लोक नृत्यों और संगीत को खूब बेहतर ढंग से दिखाता है। इस शो में घूमर, भवई, कालबेलिया, तेरह ताली, चरी और कठपुतली शो, जादू शो, अग्नि अधिनियम जैसे शो होते हैं। शो में पारंपरिक वाद्ययंत्रों का उपयोग करके लोक संगीतकारों द्वारा बजाया जाने वाला लाइव संगीत होता है।

शो देखने का समय और कीमत

अगर आप ये शो के जरिए राजस्थान की समृद्ध और जीवंत संस्कृति का अनुभव करना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि ये शो हर शाम 7:00 बजे से 8:00 बजे तक आयोजित किया जाता है। इसे देखने के लिए टिकट हवेली में शाम 6:15 बजे से उपलब्ध हैं। इसकी कीमतें भारतीयों के लिए 90 रुपये, बच्चों के लिए 45 रुपये, विदेशियों के लिए 150 रुपये और किसी भी कैमरे के लिए 150 रुपये हैं। उदयपुर और बागोर की हवेली की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है जब मौसम सुखद और आरामदायक होता है।

बागोर हवेली में देखने वाली चीजें

बागोर की हवेली में देखने के लिए कई विरासते हैं। इसमें रानी का कक्ष, शाही पोशाक गैलरी, पगड़ी गैलरी, कठपुतली गैलरी, वेडिंग गैलरी और संगीत गैलरी शामिल हैं।