विहिप की चेतावनी: : हिंदुओं पर 300 से अधिक हमले, सेकुलर लोगों की चुप्पी खतरनाक !
विश्व हिंदू परिषद ने देश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विहिप ने 300 से अधिक हमलों की घटनाओं का जिक्र करते हुए इसे जिहादी मानसिकता का परिणाम बताया।
हिंदुओं पर बढ़ रहे हमलों पर विहिप ने चिंता जाहिर की है। देश में लगातार त्योहारों, मंदिरों को खासकर निशाना बनाया जा रहा है। बैठक को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री, डॉ. सुरेंद्र जैन ने इन घटनाओं की बाकयदा लिस्ट जारी करते हुए कहा कि ये जिहादी हमलावर हैं, न कि पीड़ित। उन्होंने सेकुलर पार्टियों और जिहादी मानसिकता का समर्थन करने वाले नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि कि सत्ता की लालसा इतनी ज्यादा है कि ये लोग जिहादियों को उकसा रहे हैं,और देश को गृहयुद्ध की ओर धकेल रहे हैं। जिहादियों को संरक्षण देने के बजाय, उन्हें कड़ा सबक सिखाने की जरूरत है। देश के संविधान, कानून और सभ्य परंपराओं का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है और यही शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की शर्त भी है।
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हिंदुओं पर 300 से ज्यादा हमलों का जिक्र
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री, डॉ. सुरेंद्र जैन यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि 2023 से 2024 तक हिंदुओं पर 300 से ज्यादा हमले किये गये हैं। जो हर किसी को झकझोर कर रखा देगा। दुनिया पहले ही आतंकवाद, लव जिहाद, जनसंख्या बढ़ाने से परेशान थी लेकिन बीते कुछ समय से ट्रेन जिहाद, थूक जिहाद ने इस परेशानी को और बढ़ा दिया है। चाहे हमास के हमले हों या बांग्लादेशी जिहादियों के अत्याचार, चाहे कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार हो या बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे हमले, इन घटनाओं में एक जैसी क्रूरता देखी जा सकती है। यह जिहादी मानसिकता 1400 वर्षों से मानवता को पीड़ित कर रही है। हैरानी की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े हमलावर खुद को पीड़ित बताते हैं। विश्व में कहीं इस्लामोफोबिया नहीं है, बल्कि यह "काफिरोफोबिया" का मामला है।
' सेकुलर लोगों ने साध रखी चुप्पी'
डॉ. जैन ने आग्रह किया कि मिलकर इस क्रूर मानसिकता का सामना करें। उन्होंने कहा कि कई मौलाना और मुस्लिम नेता हिंदुओं को धमकियां दे रहे हैं, लेकिन इन पर सेकुलर लोगों की चुप्पी साध रखी है। 1946 में भी इसी तरह की धमकियां दी गई थीं। क्या ये लोग डायरेक्ट एक्शन जैसा नरसंहार चाहते हैं? उन्हें यह याद रखना चाहिए कि यह 1947 नहीं है। आज हिंदू समाज संगठित और मजबूत है तथा संवैधानिक दायरे में हर चुनौती का सामना कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने प्रश्न किया कि तंकवादी गतिविधियों को इस्लाम के खिलाफ बताने वाले कितने मौलानाओं ने इन जिहादियों के खिलाफ फतवा जारी किया है? क्या कश्मीर नरसंहार से लेकर हमास, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हो रही बर्बरता इनके समर्थन से हो रही है? विहिप इन नेताओं के भड़काऊ बयानों का अध्ययन कर रही है और इन पर कानूनी कार्यवाही की संभावना पर विचार किया जा रहा है।