Vinesh Phogat: एक आंदोलन से सियासत तक का सफर, पढ़ें 'दंगल गर्ल' की पूरी कहानी
Vinesh Phogat: 'दगल गर्ल’ विनेश फोगाट हाल ही में ओलंपिक में ओवर वेट की वजह से देश के लिए गोल्ड जीतने के बिल्कुल करीब जाकर खाली हाथ लौटी, उन्होंने संयास का ऐलान कर दिया और अब वो राजनीति में कदम रख रही हैं। क्या है ‘दगल गर्ल’ विनेश फोगाट की पूरी कहानी चलिए आपको विस्तार में समझाते हैं....
Vinesh Phogat: भारतीय रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की राजनीति में एंट्री होने जा रही है। नो 6 सितंबर (शुक्रवार) को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। पहले विनेश-बजरंग ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। एथलीट्स की राजनीति में एंट्री सरप्राइज देने वाली थी। हालांकि, कयास पहले से ही लगाए जा रहे हैं। ‘दगल गर्ल’ विनेश फोगाट हाल ही में ओलंपिक में ओवर वेट की वजह से देश के लिए गोल्ड जीतने के बिल्कुल करीब जाकर खाली हाथ लौटी, उन्होंने संयास का ऐलान कर दिया और अब वो राजनीति में कदम रख रही हैं। क्या है ‘दगल गर्ल’ विनेश फोगाट की पूरी कहानी चलिए आपको विस्तार में समझाते हैं....
साल 2014 में जीता था पहला इंटरनेशनल गोल्ड
अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चलती हुए विनेश फोगाट ने भी रेसलिंग को चुना। 5 अगस्त 1994 को जन्मी विनेश फोगाट को बहुत कम उम्र में उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने कुश्ती से परिचित करा दिया था। विनेश ने ग्लासगो में साल 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल खिताब जीता। तीन बार की ओलंपियन विनेश फोगाट के पास कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन स्वर्ण, वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में एक-एक स्वर्ण पदक है।
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100 ग्राम की वजह से हो गई थीं डिस्क्वालिफाई
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को 100 ग्राम ज्यादा वजन के चलते फाइनल मुकाबले के दिन डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। डिस्क्वालिफाई होने के बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। फिर जब विनेश भारत वापस लौटीं, तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। दिलचस्प बात है कि विनेश ने 6 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में पहला मैच खेला था और अब 6 सितंबर को उन्होंने राजनीति में एंट्री ली है।
विनेश फोगाट ने एक इमोशनल पोस्ट करके अपने अनुभव को साझा किया, उन्होंने लिखा- , 'शायद अलग परिस्थितियों में मैं खुद को 2032 तक खेलते हुए देख पाऊंगी, क्योंकि मेरे अंदर लड़ाई और कुश्ती हमेशा रहेगी। मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि भविष्य में मेरे लिए क्या है और इस यात्रा में आगे क्या होगा, लेकिन मुझे यकीन है कि मैं हमेशा उस चीज के लिए लड़ती रहूंगी, जिस पर मेरा विश्वास है और जो सही है, उसके लिए लड़ती रहूंगी।'
राहुल गांधी से मुलाकात ने बदली जिंदगी
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया 4 सिंतबर को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मिले थे। इस मुलाकात के बाद ही ये संकेत मिले कि विनेश अब राजनीतिक पारी खेलेंगी।
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विनेश फोगाट ने छोड़ी रेलवे की नौकरी
माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब।
अलविदा कुश्ती 2001-2024 ?
आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी ??
रेसलर विनेश फोगाट ने रेलवे की नौकरी छोड़ने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी। उन्होंने एक लेटर शेयर करते हुए लिखा- भारतीय रेलवे की सेवा मेरे जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है। जीवन के इस मोड़ पर मैंने स्वयं को रेलवे सेवा से अलग करने का फैसला लिया है। अपना त्यागपत्र भारतीय रेलवे के सक्षम अधिकारियों को सौप दिया है। राष्ट्र की सेवा में रेलवे द्वारा मुझे दिये गये इस अवसर के लिए मैं भारतीय रेलवे परिवार की सदैव आभारी रहूंगी।
जब आंदोलन में विनेश के हाथ नहीं छूटा था तिरंगा
विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया।