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इस दिन से शुरू हो रही हज यात्रा, जानें कैसे करें आवेदन और क्या है नियम शर्ते

चांद दिखने के बाद इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने का आगाज़ हो चुका है। बता दें कि इस महीने में हज की जाती है। 40 दिन की हज यात्रा को यात्री ईद-अल-अज़हा मनाने के बाद वापस लौटते है। आइये जानते है किस तारीख से शुरू हो रही है हज, और आप कैसे हज यात्रा के लिये आवेदन कर सकते है। साथ ही इसके क्या नियम और शर्ते हैं।

इस दिन से शुरू हो रही हज यात्रा, जानें कैसे करें आवेदन और क्या है नियम शर्ते

14 जून की शाम को चांद दिखने के बाद इस्लामी कैलेंडर के अंतिम माह, धू अल-हिज्जा के शुरू होने की घोषणा की गई। धू अल-हिज्जा इस्लामी कैलेंडर का आखिरी महीना है और इसमें हज पूरी की जाती है। बता दें कि हज इस्लाम के पांच स्तंभ में से एक है। इन पांच स्तंभ के अनुसार एक मुसलमान को नमाज़ पढ़ना भी जरूरी है। हज को लेकर कहा जाता है कि हज प्रत्येक मुसलमान को अपनी ज़िदगी में कम से कम एक बार जरूर करनी चाहिए।

 कहां करें हज के लिए आवेदन?

हज करने के लिए हज कमिटी में आवेदन करने की जरूरत होती है। आवेदन के दौरान पासपोर्ट साइज़ फोटो, कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और पासपोर्ट की जरूरत होती है। हज, हज कमिटी के लीडर द्वारा कराई जाती है या फिर प्राइवेट तौर पर भी इसको किया जा सकता है। लेकिन प्राइवेट तरीके से करने पर खर्च करीबन 5 लाख रुपए आता है।

हज यात्रा के नियम

इस्लाम में हज करने वाले को हाजी कहा जाता है। धुल-हिज्जा के सातवें दिन हाजी मक्का शहर पहुंचते हैं। हज यात्रा के पहले चरण में हाजी इहराम बांधते हैं। यह एक सिला हुआ कपड़ा होता है, जिसे शरीर पर लपेटते हैं। इस दौरान सफेद कपड़ा पहनना जरूरी है। हालांकि, महिलाएं अपनी पसंद का कोई भी सादा कपड़ा पहन सकती है। लेकिन हिजाब के नियमों का पालन करना जरूरी है।

हज के पहले दिन हाजी तवाफ (परिक्रमा) करते हैं। तवाफ करते हुए हाजी सात बार काबा के चक्कर काटते हैं। इसके बाद सफा और मरवा नाम की दो पहाड़ियों के बीच सात बार चक्कर लगाए जाते हैं। ऐसा कहते हैं कि पैगंबर इब्राहिम की पत्नी हाजिरा अपने बेटे इस्माइल के लिए पानी की तलाश में सात बार सफा और मरवा की पहाड़ियों के बीच चली थीं। इसके बाद हाजी मक्का से आठ किलोमीटर दूर मीना शहर इकट्ठा होते हैं। यहां पर वे रात में नमाज अदा करते हैं ।

कितने दिन की होती है हज यात्रा?

हज यात्रा आमतौर पर 40 दिन की होती है। इसमें शुरुआती 10 दिन मदीना शहर में बिताने होते है। इसके बाद अलग-अलग दिन कई परंपराओं को निभाया जाता है। मदीना में समय बिताने के बाद वह कई पहाड़ी इलाकों में जाते हैं। साथ ही शैतान (एक दीवार) पर कंकड़ियां मारते है। इसके अलावा वह ईद-उल-अज़हा पर जानवर की कुर्बानी भी वहीं देकर वापस लौटते है। हज के दौरान काबा की महत्वता बहुत होती है और काबा मक्का शहर में मौजूद है। जब हज यात्री काबा पहुंचते हैं तो वह इसकी घड़ी की विपरीत दिशा में 7 चक्कर लगाते है।

कैसा होता है पहनावा और रहन-सहन?

हज यात्रियों को हज के दौरान इहराम पहनना होता है, जो कि एक सफेद कपड़ा होता है। जिसमें सिलाई नहीं की गई होती है। यह पुरुषों और महिलाओं को उनका सतर ढकने के काम आता है। इस्माल में सतर का मतलब होता है शरीर है वह हिस्सा जो हमेशा ढका हुआ होना चाहिए। पुरुषों के मामले में सतर नाभी से लेकर पैरों के टखने के ऊपर तक का हिस्सा होता है। महिलाओं के मामलों में सतर में चेहरे और हथेली के अलावा बाकी शरीर को ढकना होता है। इसके अलावा लोग हज के दौरान 40 दिन तक अपने नाखून या बालों नहीं काट सकते।