Jammu Kashmir News: एक पोस्टर को लेकर चले लात-घूसे, विधानसभा बनी अखाड़ा, Video देख कहेंगे ये तो...
जम्मू कश्मीर विधानसभा में विपक्षी दलों और बीजेपी के बीच धारा 370 को बहाल करने की मांग को लेकर हिंसक झड़प हो गई। यह घटना क्षेत्र में जारी राजनीतिक तनाव को दर्शाती है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं ने मर्यादाओं को तारतार कर दिया। धारा 370 की बहाली की मांग करने वाले विधायकों के हाथों में बैनर देख विपक्षी दल भड़क उठा और हंगामा हो गया। बात इतनी बढ़ गई की धक्का मुक्की तक आ गई। जब मामला बढ़ा तो मार्शल्स ने बीच में आकर बीच बचाव किया। बताया जा रहा है यह बैनर इंजीनियर रशीद के भाई और अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद साथ लेकर आए थे। वह विधानसभा में अनुच्छेद 370 वापस लाने की मांग के साथ बैनर दिखा रहे थे। जिसके बाद बहस शुरू हुई और बात मारपीट तक पहुंच गई।
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विधायकों को दिखाया गया बाहर का रास्ता
जानकारी के अनुसार हंगामे की शुरुआत इंजीनियर राशि के छोटे भाई खुर्शीद अहमद के आर्टिकल 370 पर बैनर दिखाए जाने के बाद हुई। जिस पर विपक्ष दल के नेता सुनील वर्मा ने आपत्ति जताई। धीरे-धीरे मामले ने तूल पकड़ लिया और बात लात-घूसों तक आ गई। मार्शल्स ने बीचबचाव करते हुए बीजेपी के कई विधायकों को बाहर कर दिया। इससे इतर कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
J&K Assembly, not for beginners pic.twitter.com/ot7SlLceNF
— Khushboo Mattoo (@MattLaemon) November 7, 2024
5 दिनों से जारी हंगामा
बता दें, विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में 5 दिन पहले विधानसभा का सत्र आयोजित किया गया था। तब से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी लगातार अनुच्छेद 370 को खत्म करने की मांग कर रही है और इसके लिए प्रस्ताव की पेश किया था। हालांकि इसे खारिज कर दिया गया। वहीं, धारा 370 वापस लाने का बीजेपी विरोध कर रही है।
राजनीति की कोशिश में नेता !
गौरतलब है, जम्मू कश्मीर की स्थानीय पार्टियां 2019 में केंद्र सरकार द्वारा लाये गए आर्टिकल 370 के खिलाफ हैं। विधानसभा चुनाव में इसे हटाने की मांग को लेकर चुनावी मैदान में वे उतरी थीं। वहीं, विधानसभा का पहला सत्र आयोजित किया गया तो आर्टिकल 370 को लेकर बहस बढ़ गई। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि करीब एक दशक के बाद यहां पर निर्वाचित सरकार सत्र का आयोजन कर रही है। बता दें, जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन ने 90 सीटों में से 49 सीटें जीत हासिल कर सत्ता में है। जबकि बीजेपी केवल 29 सीटें जीत पाई थी।