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आखिर करवा चौथ की रात क्यों बनती है कढ़ी, इस पीले पकवान का किस भगवान से है कनेक्शन

Karva Chauth 2024: करवा चौथ का त्योहार रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी  खाकर होती है। वहीं कई जगहों पर विशेषकर उत्तर भारत में इस दिन कढ़ी बनाने की परंपरा है। रात में व्रत खोलने के बाद अन्य पकवानों के साथ कढ़ी होना जरूरी होता है।

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Karwa Chauth 2024: महिलाओं के पसंदीदा त्योहार करवाचौथ, जिस दिन पत्नियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। रात में पूरे साज-श्रृंगार के साथ चांद को देखकर पति की पूजा करती हैं और फिर पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। लेकिन क्या आपने नोटिस किया है कि करवा चौथ को रात में कढ़ी बनना हमेशा कॉमन रहता है। ऐसा क्यों हैं, इसका कारण जानकर शायद आप हैरान रह जाएंगे...

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करवा चौथ का त्योहार रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी  खाकर होती है। वहीं कई जगहों पर विशेषकर उत्तर भारत में इस दिन कढ़ी बनाने की परंपरा है। रात में व्रत खोलने के बाद अन्य पकवानों के साथ कढ़ी होना जरूरी होता है।

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बेसन से बनी कढ़ी भारत में बहुत प्रचलित और स्वादिष्ट व्यंजन है और देश के विभिन्न राज्यों में इसे खाया-पकाया जाता है। इसमें पकौड़े बनाकर डाले जाते हैं। हिंदू धर्म में पीले रंग को बहुत ही शुभ माना जाता है। व्रत-त्योहार में पीले रंग का इसलिए अधिक से अधिक प्रयोग किया जाता है। पीले भोग, वस्त्र, फल, फूल भोग आदि के साथ ही पीले रंग के व्यंजनों का सेवन भी अच्छा माना जाता है। इसलिए लोग करवा चौथ के दिन भी कढ़ी बनाने को शुभ मानते हैं।

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इसी के साथ ही माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण को दूध, दही, माखन, मिश्री आदि जैसी चीजें अतिप्रिय थी। इसके साथ ही दूध-दही से बने पकवान भी उन्हें पसंद थे। कहते हैं कि भगवान कृष्ण का प्रिय भोजन कढ़ी और चावल था, इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा में उन्हें कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है। यह सादा, स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर भोजन होता है।