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Devara Part 1 Review: NTR की फिल्म की कहानी नहीं रही खास, जान्हवी कपूर का डेब्यू बेअसर, सैफ ने विलेन बनकर जीता दिल!

Devara Part 1 Review: फिल्म से जान्हवी कपूर ने साउथ सिनेमा में डेब्यू किया है। देवरा पार्ट-वन में उनकी मौजूदगी एक नहाने के सीन, एक गाने और दो तीन हंसी मजाक वाले सीन के लिए। उससे ज्यादा उनसे इस तरह की फिल्मों में किसी को कोई उम्मीद भी नहीं रही होगी। डायरेक्टर कोरटाला शिवा की फिल्म ‘देवरा पार्ट वन’ कुछ खास कमाल नहीं कर पाती है।

Devara Part 1 Review: NTR की फिल्म की कहानी नहीं रही खास, जान्हवी कपूर का डेब्यू बेअसर, सैफ ने विलेन बनकर जीता दिल!

Devara Part 1 Review: ‘देवरा पार्ट वन’ रिलीज के साथ ही कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, ये सवाल फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल, की रिलीज को लेकर काफी बज बना हुआ था। जिसके चलते पहले ही दिन थियेटर्स में पब्लिक ही पब्लिक नजर आई। लेकिन फिल्म को रिस्पॉंस और तारीफ उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला। कारण क्या है....चलिए भारत रफ़्तार के रिव्यू में समझते हैं...

ठंडा पड़ा लोगों का रिस्पांस

डायरेक्टर कोरटाला शिवा की दो साल पहले आई चिरंजीवी और राम चरण अभिनीत फ्लॉप फिल्म ‘आचार्य’ के बाद ये अगली फिल्म है। फिल्म को लेकर तेलुगु सिनेमा में जूनियर एनटीआर के दीवाने उतावले रहे हैं। फिल्म की एडवांस बुकिंग भी उत्साहजनक ही रही है, लेकिन फिल्म का पहला शो यहां सुबह सुबह साढ़े आठ बजे देखने पहुंचे दर्शकों का उत्साह करीब तीन घंटे लंबी ये फिल्म देखने के बाद आखिर तक आते आते बुझता सा नजर आया। फिल्म की कहानी बहुत खास नहीं है। बंदरगाहों की तरफ जाने वाले पानी के जहाज समंदर के जिस रास्ते से गुजरते हैं, वहां तट पर स्थित एक पहाड़ पर बसे चार गांवों की ये कहानी है। हर गांव एक अलग कला में निपुण रहा है। पहले वह इलाके के राजा के रक्षा करते रहे। फिर अंग्रेजों के भागने के बाद जन्मी पीढ़ी के लोग समंदर से निकलने वाले जहाजों से तस्करी का माल निकालने लगे। ये कहानी इन समुद्री लुटेरों, इनके परिवारों और इन गांवों की आपसी सियासत की है।

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क्या है देवरा की कहानी?

‘देवरा पार्ट वन’ में कहानी की बात करें, तो हम ट्रेलर से कुछ बहुत अंदाजा लगा सकते हैं। वहीं, फिल्म में पुलिस की मदद से चलने वाले अवैध हथियारों की तस्करी वाले एक गिरोह की मदद करते करते देवरा को एक दिन समझ आता है कि जिन हथियारों की तस्करी में वह मदद करता रहा, वे हथियार ही उसके गांव का सुख लूट रहे हैं। उसको अक्ल आती है। उसके साथियों को नहीं। इस विरोधी गुट का लीडर भैरा है। देवरा और भैरा की दुश्मन बढ़ती है। देवरा को मारने की योजना बनती है। सबको मारने के बाद एक दिन देवरा लापता हो जाता है। उसका बेटा वरा इंटरवल के बाद की कहानी आगे बढ़ाता है। झलक दिखाने भर को उसकी प्रेमिका थंगम भी है।

बड़ा टाइम गैप दिखाती है फिल्म

इसी के साथ ही इसके बाद फिल्म की कहानी आज के समय से शुरू होती जब क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पुलिस एक खास दस्ते को घोषित आतंकवादी को पकड़ने की मुहिम शुरू करती है। फिल्म ‘देवरा पार्ट वन’ अपनी सीक्वल के लिए गुंजाइश छोड़कर खत्म होती है लेकिन जैसी ये 177 मिनट की फिल्म बनी है, उसे देखकर लगता नहीं कि इसे देखने वालों को इसके सीक्वल को देखने में बहुत कुछ दिलचस्पी बनी रहेगी।

विलेन का किरदार शानदार

‘देवरा पार्ट वन’ में एक चीज जो सबसे ज्यादा पसंद आई है, वो है विलेन यानी कि सैफ अली खान का कैरेक्टर। सैफ अली खान का किरदार बहुत ही ज्यादा कमजोर लिखा गया है। विलेन जैसा कुछ उनके फिल्म मे कराया ही नहीं गया कि उनको कोई आतंक बने। मुरली शर्मा और अभिमन्यु सिंह अपने अपने खांचे वाले किरदार करते नजर आते हैं। प्रकाश राज को कोरटाला शिवा ने फिल्म का सूत्रधार बना दिया है। वह कहानी सुनाते चलते हैं। फिल्म आगे चलती जाती है।

जान्हवी कपूर का डेब्यू कुछ खास नहीं

फिल्म से जान्हवी कपूर ने साउथ सिनेमा में डेब्यू किया है। देवरा पार्ट-वन में उनकी मौजूदगी एक नहाने के सीन, एक गाने और दो तीन हंसी मजाक वाले सीन के लिए। उससे ज्यादा उनसे इस तरह की फिल्मों में किसी को कोई उम्मीद भी नहीं रही होगी। डायरेक्टर कोरटाला शिवा की फिल्म ‘देवरा पार्ट वन’ कुछ खास कमाल नहीं कर पाती है।