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कहीं Over Work obesity के चक्कर में तो नहीं बढ़ रहा है आपका वजन, कैसे कर सकते हैं बचाव

Over Work obesity:ओवर वर्क ओबेसिटी मोटापे का ही एक कारण है, जो लंबे समय तक काम के दबाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को जीने से होता है। आजकल देखा गया है कि कई लोग 12-15 घंटे लगातार बैठकर काम करते हैं और मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप में घुसे रहते हैं।

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Over Work obesity: आप मोटापे का शिकार सिर्फ खान-पान और जेनेटिक वजहों से ही नहीं होते हैं, बल्कि ओवर वर्क भी आपको मोटा कर सकता है। कैसे...? काफी रोचक है न, कि काम करके तो कैलेरी बर्न होती है, तो भला हम मोटे कैसे होंगे। क्या है ओवर वर्क ओबेसेटी और कैसे इसका ध्यान रख सकते हैं। चलिए जानते हैं।

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हमारा काम और हमारी हेल्थ एक दूसरे से इंटरलिंक होती है। अगर आप बहुत ज्यादा तनाव लेते हैं, वर्क प्रेशर में रहते हैं तो इससे आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचता है और आप ओबेसिटी यानी कि मोटापे का शिकार भी हो सकते हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि रिपोर्ट्स कह रहे हैं। दरअसल, हाल ही में ओवर वर्क ओबेसिटी जैसी बीमारी सामने आई है, जिसकी वजह से चीन में 24 साल की महिला का वजन 1 साल में 20 किलोग्राम बढ़ चुका है।

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क्या है ओवर वर्क ओबेसिटी?

अगर हम साफ शब्दों में समझें, तो ओवर वर्क ओबेसिटी मोटापे का ही एक कारण है, जो लंबे समय तक काम के दबाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को जीने से होता है। आजकल देखा गया है कि कई लोग 12-15 घंटे लगातार बैठकर काम करते हैं और मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप में घुसे रहते हैं।

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मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप पर काम करने के चलते हम ज्यादा शारीरिक वर्क नहीं करते हैं। फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर, हेल्दी डाइट भी ना लेने और अनहेल्दी प्रोसेस्ड फूड जो जल्दी बन जाए उसका सेवन करते हैं। इससे उनकी लाइफस्टाइल खराब होती है और तनाव बढ़ता है और यह ही ओवर वर्क ओबेसिटी का एक मुख्य कारण है।

 

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कैसे करें ओवर वर्क ओबेसिटी से बचाव

ओवर वर्क ओबेसिटी से बचाव के लिए वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करना होगा। स्ट्रेस ईटिंग से बचना होगा, क्योंकि कई लोग जब तनाव में होते हैं तो एक्स्ट्रा खाना खाते हैं। आपको अपनी डाइट में व्होल ग्रेन, प्रोटीन और सब्जियों वाली बैलेंस डाइट लेना होगा। साथ ही अगर वजन कंट्रोल करना चाहते हैं, तो ऑफिस वर्क के साथ ही बीच-बीच में आपको फिजिकल एक्टिविटी भी करनी चाहिए और लगातार लंबे समय तक बैठने से बचना चाहिए।

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इसके साथ सबसे अहम है कि स्ट्रेस हार्मोन को कंट्रोल करें। स्ट्रेस हार्मोंस को कंट्रोल करने के लिए माइंडफुलनेस एक्टिविटी या मेडिटेशन की जरूरत होती है. इसके अलावा आपको रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि इससे वर्क लाइफ और ओबेसिटी को बैलेंस किया जा सकता है।