कुवैत अग्निकांड में 40 भारतीयों की मौत, सामने आई भयावाह मंजर की सच्चाई
दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र में विदेशी मजदूरों वाली एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से करीब 40 भारतीयों की मौत हो गई और 50 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए।
कुवैत के मंगाफ में छह मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई। इस हादसे में अब तक 49 लोगों की मौत की खबर है, जिनमें से भारतीयों की संख्या 40 से अधिक है। जबकि घायलों की संख्या 50 बताई जा रही है।
कब और कैसे लगी आग?
जानकारी के मुताबिक ये आग प्रवासी मजदूरों की एक रिहायशी बिल्डिंग में बुधवार तड़के उस समय लगी, जब अधिकतर लोग सो रहे थे। इस बिल्डिंग में कुल 196 लोग रहते थे, जिन्हें आग लगने के बाद संभलने का मौका भी नहीं मिला. अधिकतर लोगों की दम घुटने से मौत हुई है।
घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह आग में घायल हुए भारतीयों की सहायता की निगरानी करने और मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र स्वदेश पहुंचाने के कार्य में सहयोग के लिए कुवैत गए हैं। सरकारी बयान के अनुसार मोदी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और निर्देश दिया कि भारत सरकार सभी संभव सहायता उपलब्ध कराए। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कुवैत सिटी में आग लगने की घटना दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और वहां प्रभावितों की सहायता के लिए अधिकारियों के साथ काम कर रहा है।’’
घायलों का अस्पताल में इलाज जारी
एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुवैत में भारतीय दूतावास कुवैती अधिकारियों से पूरा ब्योरा जुटाने में लगा है। उसने कहा, ‘‘कुवैत में जो लोग घायल हुए हैं, उन्हें पांच सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनका उपयुक्त इलाज किया जा रहा है।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘ अस्पताल प्रशासन के अनुसार भर्ती कराए गए ज्यादातर मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। ’’
सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
कुवैत में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय कामगारों को चपेट में लेने वाली दुखद अग्नि दुर्घटना के संबंध में, दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया है: +965-65505246। सभी संबंधित लोगों से जानकारी के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ने का अनुरोध किया जाता है। दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’