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Haryana Election: हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का 'फोगाट-पूनिया' मास्टरस्ट्रोक, बीजेपी के लिए खतरे की घंटी? समझें समीकरण

Haryana Assembly Elections 2024: ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और महिला पहलवान विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थामा। जानें कैसे उनके शामिल होने से सियासी समीकरण बदल सकते हैं।

Haryana Election: हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का 'फोगाट-पूनिया' मास्टरस्ट्रोक, बीजेपी के लिए खतरे की घंटी? समझें समीकरण

शुक्रवार को ओलपिंक पदक विजेता बजरंग पूनिया और महिला पहलवान विनेश फोगाट आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल हो गए। दोनों ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थाम सभी को हैरान कर दिया। कई राजनीतिक विशेषज्ञ इसे कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं तो कई इसे बीजेपी को चौतरफा घेरने की साजिश। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस जल्द ही दोनों को विधानसभा चुनाव का टिकट भी दे सकती है। बता दें, कांग्रेस का ये दांव उसे आगामी विधानसभा चुनाव में उसे मजबूत बना रहा है। 

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चुनाव से पहले बीजेपी के लिए खड़ी हुई परेशानी

गौरतलब है, बीते साल पहलवानों के विरोध प्रदर्शन की चर्चा दुनियाभर में हुई थी। जिसका असर लोकसभा चुनाव के नतीजों पर दिखाई था। कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर थी। दोनों दलों ने लोकसभा इलेक्शन में 5-5 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, हरियाणा की राजनीति में जाट अहम भूमिका में होते हैं। यहां पर 22 फीसदी से ज्यादा जाट बहुल इलाके हैं जो 35 सीटों पर जीत-हार तय करने की माद्दा रखते हैं। वहीं,  हरियाणा में बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है। ऐसे में जिस तरह पहलवानों को जंतर-मंतर पर घसीटा गया वह आज भी हरियाणा के युवाओं को याद है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर साहूनिभूति के आधार पर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया चुनावी मैदान में उतरते हैं तो जाट नाराजगी का असर फोगाट के गृहक्षेत्र चरखी दादरी से रोहतक और कुरुक्षेत्र में देखने को मिल सकती है। जो विधानसभा चुनाव में बीजेपी का खेल बिगाड़ सकती है। 

हरियाणा के युवाओं को कांग्रेस का संदेश

कांग्रेस शुरू से ही पहलवानों के पक्ष में खड़ी दिखाई दी है। इस बारे में राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कांग्रेस ने विनेश फोगाट के जरिए महिलाओं,युवा लड़कियों और यूथ को साधने की कोशिश की है कि कांग्रेस हमेशा से महिलाओं के साथ खड़ी है। साथ ही जाट वोटों पर भी विनेश और बजरंग चेहरे पर कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है। जिसका असर चुनाव में भी दिख सकता है। 

किसान संगठनों का मिलेगा समर्थन ?

वहीं, विनेश फोगाट के किसान संगठनों से भी अच्छे रिश्ते हैं। 2020 में केंद्र सरकार के लाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने किसानों का समर्थन किया था। वहीं फोगाट हांल में शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों से भी मिली थीं। ऐसे में उम्मीद है आगामी चुनाव में एकजुटता दिखाते हुए किसान संगठन विनेश फोगाट को अपना समर्थन दे सकते हैं। वहीं बजरंग पूनिया ने भी पिछले जून में आयोजित हुई किसान महापंचायत में भाग लिया था। जिसके बाद तय था कि अगर किसान संगठन अगर कांग्रेस के समर्थन में आते हैं तो ये बीजेपी के लिए बड़ा झटका होगा। 

क्या है हरियाणा विधानसभा चुनाव का समीकरण

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस विनेश को जुलाना से टिकट या बादली में से किसी एक सीट से उतार सकती हैं। यहां पर जाटों की संख्या अच्छी-खासी है। वहीं सूबे के राजनीति भी जाट और गैर जाट पर होती है। प्रदेश की दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस-बीजेपी की नजरें जाट और ओबीसी वर्ग वोट बैंक पर हैं। राज्य में जाटों की आबादी 22 फीसदी है। वहीं अनुसूचित जाती लगभग 20 फीसदी के पास है। ऐसे में ये विधानसभा चुनाव देखना दिलचस्प होगा कि दोनों वोट बैंक किस पार्टी के साथ जाते हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव में ये समान रुप से बिखरा था किसी भी वोटबैंक ने तरफा वोट नहीं किया था।