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हीट वेव का कहर: ओडिशा में हीट स्ट्रोक से 72 घंटे में 99 मौत, जानें कैसे करें खुद का बचाव

भारत के कई इलाकों में इस समय हीट वेव का कहर चल रहा है. ओडिशा में हीट स्ट्रोक से 72 घंटे में 99 लोगों की मौत हो गई है. 

हीट वेव का कहर: ओडिशा में हीट स्ट्रोक से 72 घंटे में 99 मौत, जानें कैसे करें खुद का बचाव

देशभर में हीट वेव का सितम जारी है. ओडिशा में हीट वेव की वजह से पिछले 72 घंटे में 99 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें से जिला कलेक्टर ने 20 मौतों की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद कर दी है. हालाकिं दो मौत हीट स्ट्रोक की वजह से नहीं हुई है. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त के अनुसार, पिछले 72 घंटों में कलेक्टरों द्वारा सनस्ट्रोक से कथित 99 मौत के मामलों की जानकारी दी गई थी. जबकि इन सभी मामलों  में से सनस्ट्रोक से 20 लोगों की मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम और जांच के आधार पर की गई है. 

ओडिशा में इस गर्मी के मौसम में कुल 141 कथित सनस्ट्रोक से मौत के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 26 मामलों की पुष्टि सनस्ट्रोक (लू) के कारण हुई है और 8 मामले लू के कारण नहीं हैं. अभी जिला के कलेक्टर के पास 107 मामले जांच के लिए लंबित है. वहीं, 30 मई को 42 मौतों की सूचना मिली थी. हालाकि 6 लोगों की मौत लू की वजह से नहीं हुई है. IMD के अनुसार, ओडिशा के सोनपुर में 2 जून को अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री दर्ज किया गया है. टिटलागढ़ में 42.5 और बौध में 42.1 डिग्री अधितम तापमान दर्ज किया गया. 

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले तीन दिनों में लू की तीव्रता कम होने का अनुमान है. जबकि दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून पहुंच गया है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है. 

कैसे करें खुद का बचाव ?

कड़ी धूप में खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचना चाहिए. बच्चों को भी दिन में बाहर खेलने नहीं जाना चाहिए. 

अगर आपका निकलना अनिवार्य हो तो भरपेट भोजन कर के व हल्के रंग के ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनकर निकलें.

धूप में बाहर निकलते समय अपना सिर जरूर ढक कर रखें. इसके लिए कपड़े, टोपी या छाता का उपयोग करें.

पर्याप्त और नियमित अंतराल में पानी पीते रहें. रास्ते में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें.

अधिक तापमान में ज्यादा शारीरिक श्रम करने से बचें.

इस समय खुद को हाइड्रेट रखने के लिए ओआरएस घोल या नमक-चीनी पानी का घोल, नारियल का पानी, लस्सी, नींबू पानी, छाछ, आम का पन्ना, बेल का शरबत, सत्तू का शरबत, सौंफ का पानी इत्यादि घरेलू पेय पदार्थों का नियमित सेवन करें.