संसद सत्र का सातवां दिन: राहुल के बाद अब अखिलेश करेंगे सरकार पर वार, फिर मोदी देंगे जवाब
Seventh day of Parliament session: 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के सातवें दिन पीएम मोदी लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में चर्चा के बीच एनडीए की संसदीय दल की बैठक को पीएम संबोधित करेंगे.
मंगलवार को संसद सत्र का सातवां दिन है. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में चर्चा हो रही है. पीएम लोकसभा में शाम चार बजे अपना धन्यवाद प्रस्ताव में अपना जवाब देंगे. इससे पहले वह सुबह एनडीए के संसदीय दल की बैठक में शामिल होगे. लोकसभा में सुबह 11 बजे सांसद अखिलेश यादव भाषण देंगे. मना जा रहा अखिलेश सरकार पर हमलावर रहेंगे और कई मुद्दों में सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे.
इससे पहले 1 जुलाई को, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में पहले भाषण ने काफी राजनीतिक गर्माहट पैदा कर दी, जिसमें भाजपा नेताओं ने उन पर “झूठ बोलने, सदन को गुमराह करने और पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने” का आरोप लगाया और कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जवाबी आरोप लगाए.
इस बीच, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी भाषणों के लिए आलोचना की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक अभिभावक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कार्यप्रणाली पर भी हमला किया.
पीएम मोदी संसदीय दल की बैठक को करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री मंगलवार को लोकसभा में जवाव देने से पहले एनडीए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेंगे. एनडीए के संसदीय दल की बैठक सुबह 9.30 बजे रखी गई. पहले भी संसद सत्र को दौरान पीएम मोदी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते आए है. बीजेपी की तरफ से अपने सांसदों और सहयोगी पार्टियों के सांसदो को इस बैठक के लिए सूचित कर दिया गया है. सभी को बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है.
राहुल की चार टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया गया
- अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय होता है.
- उद्योगपति अडानी और अंबानी पर टिप्पणी.
- कोटा में पूरी परीक्षा केंद्रीकृत है और अमीरों को फायदा पहुंचाती है.
- अग्निवीर योजना सेना की नहीं है, बल्कि पीएमओ की योजना है.
राहुल के लोकसभा भाषण पर हंगामा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में नेता विपक्ष बनने के बाद पहला भाषण दिया. राहुल ने भगवान शिव की फोटो को संसद में दिखाते हुए बीजेपी और आरएस पर हमला बोलते हुए कहा कि शिवजी कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत. राहुल ने इस्लाम से लेकर ईसाई धर्म और सिख धर्म तक का हवाला दिया. राहुल ने आगे कहा, मोदी जी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है. हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत. दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं- वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत. आप हिंदू हो ही नहीं. हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सच का साथ देना चाहिए. राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपत्ति जताई और कहा, ये विषय बहुत गंभीर है. हिंदू को हिंसक कहना गलत है.
राहुल के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. राहुल ने कहा, पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं. आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है. नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं है. हिंदू का मतलब आरएसएस-बीजेपी नहीं है. यहां सब हिंदू हैं. राहुल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच भी सोमवार को सदन के अंदर बहस हो गई. राहुल ने बिड़ला से सवाल किया कि जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो झुके क्यों हैं? राहुल गांधी ने कहा, जब आपने (स्पीकर ओम बिरला) मुझसे हाथ मिलाया तो मैंने कुछ नोटिस किया. जब आपने मुझसे हाथ मिलाया तो आप सीधे खड़े थे. लेकिन जब आपने मोदीजी से हाथ मिलाया तो आप उनके सामने झुक गए. राहुल के बयान पर विपक्षी गुट ने तालियां बजाईं, वहीं एनडीए सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई. गृह मंत्री अमित शाह ने खड़े होकर कहा कि यह आसन के खिलाफ आरोप है.