Maharashtra Election: खड़गे को CM योगी का 'जवाबी पैगाम', विपक्ष की टेंशन बना BJP का 'हिंदुत्व कार्ड' !
चुनावों में Yogi Adityanath और Mallikarjun Kharge के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। "बटोगे तो कटोगे" का नारा लेकर योगी ने खड़गे पर वोटबैंक के लिए अपने परिवार के बलिदान को भूलने का आरोप लगाया है। क्या ये चुनावों में BJP की नई रणनीति का संकेत है?
उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं तो महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। इस बार आमने-सामने पीएम मोदी और राहुल गांधी नहीं बल्कि सीएम योगी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। उत्तर प्रदेश से 'बटोगे तो कटोगे' की राजनीति अब मठाधीश और सत्ताधीश तक पहुंच चुकी है। पहले प्रधानमंत्री पर वार करने वाला विपक्ष अब सीधे भगवा पर सवाल उठा रहा है। उनके निशाने पर हैं तो केवल योगी आदित्यनाथ। कुलमिलाकर एक बात साफ है,इस बार जंग मोदी नहीं बल्कि योगी वेस विपक्ष है। बीते दिनों 'बटोगे तो कटोगे'बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने योगी की तुलना आतंकियों से करते हुए कहा था ऐसे बयान साधु-संत नहीं देते हैं। जिसपर अब खुद सीएम योगी ने बड़ा पलटवार किया है।
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'योगी के लिए राष्ट्र सबस पहले'
झारखंड चुनाव की कमान बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है। वह लगातार कांग्रेस पर निशाना लेते हुए हिंदू वोटों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बीते कई दिनों से खड़गे साहब के बयानों को सुन रहा हैं। मैं उनको बताना चाहता हूं मैं एक योगी हूं और मेरे लिए राष्ट्र सबसे पहले है। कांग्रेस केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती है। इस दौरान वह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को आड़े हाथ लेते नजर आए। कहा कि वोटों के बचाने के लिए खड़गे साहब शायद पुरानी बातें भूल गए हैं। इतिहास बताते हुए सीएम योगी बोले कि खड़गे जी उस गांव से आते हैं तो हैदराबाद के निजामों के आधीन था। आजादी से पहले कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ मिलकर मौन थी, इसलिए हिंदुओं को चुनचुनकर मौत के घाट उतारा जा रहा था। इसी आग में खड़गे का गांव भी जलाया गया था,जिसमे इनकी माता जी और परिवार मारा गया,लेकिन खड़गे जी इसको नही कहते,क्योंकि जानते हैं कहेंगे तो मुस्लिम वोट खिसक जाएगा,वोटबैंक के खातिर अपने परिवार का बलिदान भूल गए
चुनावों के लिए बीजेपी ने बदली रणनीति
उत्तर प्रदेश से सीएम योगी का बटोगे तो कटोगे का नारा धीरे-धीरे बीजेपी की चुनावी धार बन रहा है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब पहले इस नारे का प्रयोग हरियाणा विधानसभ चुनाव में किया गया अब ऐसा कुछ नजारा महाराष्ट्र में दिखाई दे रहा है। जहां कुछ बीजेपी नेता पोस्टर में सीएम योगी की फोटो और इस नारे के साथ हिंदू वोटर्स को साधने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं इस नारा का असर चुनावी मैदान में दिखाई दिया और सर्वे में हारने वाली बीजेपी ने हरियाणा चुनाव जीत लिया। बीजेपी इस नारे के साथ जातिगत वोट के बिखराव को रोकना चाहती हैं ताकि विपक्ष को इसका फायदा न हो सके। इसलिए पहले यूपी फिर हरियाणा और अब महाराष्ट्र में हिंदू वोटर्स को एकजुट करने की मुहिम चलाई जा रही है।
हरियाणा में चला योगी का जादू
आंकड़े बताते हैं योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा की जिन 14 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था, उनमें से 9 सीटों पर बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी। जो इस बात की गवाही देते हैं सीएम योगी का नेरेटिव बटेंगे तो कटेंगे काम कर गया। जिसका परिणाम हुआ बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की। अब यही एंजेडा बीजेपी महाराष्ट्र के चुनाव में अपना रही है। ऐसा नहीं था कि हरियाणा चुनाव में सीधे योगी ने हिंदू वोटो को साधने का प्रयास किया हो। वह यूपी में इस बयान का लिटमस टेस्ट बहुत पहले कर चुके थे।
फ्रंट फुट पर आई बीजेपी
गौरतलब है, लोकसभा चुनावों में विपक्ष जाति के आधार पर हिंदू वोटरों का बिखराव करने में सफल रहा था, जिसके बाद से बीजेपी ने रणनीति में बदलाव करते हुए सीधे तौर पर हिंदू वोटर्स को साधना शुरू कर दिया और ये काम अब पर्दे के पीछे से नहीं बल्कि खुलेआम किया जा रहा है। लोकसभा के नतीजों के पास बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर जीजान झोंक रही है। खुद पीएम मोदी ने झारखंड की एक रैली में कहा था एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। बहरहाल, चुनावी गणित कहता है जिस पार्टी को किसी भी राज्य में चालीस फीसदी से ज्यादा वोट मिल जाए तो वह पार्टी में सत्ता पर राज करती है, यही कारण है हर राज्य में पक्ष हो या विपक्ष सभी ने अपना वोटबैंक तैयार कर रखा है। बहरहाल, अपने-अपने वोटर्स को साधने के साथ भारत की राजनीति में नया दौर देखने को मिल रहा है। खैर खड़गे और योगी में छिड़ी ये जुबानी जंग क्या रूप लेती है तो वक्त बताएगा।