चुनाव बाद फिर सचिन पायलट और अशोक गहलोत आएंगे आमने-सामने ? कांग्रेस में फिर देखने को मिलेगी फूट
चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस में एक बार फिर फूट देखने को मिल सकती है. जिसकी चर्चा पूरी प्रदेश में तेज हो गई है.
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत इस समय अमेठी संसद सीट के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान सचिन पायलट के दिए गए बयान को बेवकूफी भरा बयान बताया है. सचिन ने एक इंटव्यू में एक सवाल के दौरान कहा था कि जालौर में वैभव गहलोत के चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया. इसके बाद गहलोत ने ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दी थी.
चुनाव परिणाम डाल सकते है राजनीति में असर
लोकसभा चुनाव के रिजल्ट राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति पर असर डाल सकता है. जहां अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत की सीट पर चुनाव प्रचार करने में व्यस्त थे. वहीं सचिन अपने समर्थक नेताओं के चुनाव प्रचार में व्यस्त नजर आ रहे थे.
पायलट की बढ़ सकती है ताकत
सचिन पायलट ने टोंक-सवाई माधोपुर सहित कई सीटों पर जमकर धुआंधार प्रचार किया है. राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इन सीटों पर बीजेपी बुरी तरह से फंसती नजर आ रही है. ऐसे में इस बार अगर इन सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई तो पायलट की ताकत बढ़ेगी.
कांग्रेस 7 से 10 सीटों पर जीत का कर रही दावा
राजस्थान में कांग्रेस 7 से 10 सीटों पर जीतने का दावा कर रही है. जानकारों का भी मानना है कि बीजेपी के सीट इस बार कम हो सकती है. खुद गृहमंत्री अमित शाह ने भी बीजेपी की सीट कम होने की बात कही है.
वैभव गहलोत की हार ला सकती है सियासी तूफान
पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे है. अगर इस सीट पर वैभव चुनाव हारते है. तो राजस्थान की राजनीति में सियासी तूफान आ सकता. इस बात पर सबकुछ निर्भर करेगा की राजस्थान में कांग्रेस कितनी सीटें जीतती हैं. पायलट समर्थित प्रत्याशियों के संसदीय क्षेत्र में क्या परिणाम रहता है ?