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जल संकट: आजादी के इतने साल बाद भी पानी की समस्या से परेशान वकील ने की खुदकुशी, गहरी नींद में सोया प्रशासन

अलवर, जिले पानी का संकट गहराता जा रहा है. मंगलवार को पानी की समय से परेशान बुजुर्ग वकील ने आत्महत्या कर ली. वकील ने कई बार जिला अधिकारी से लेकर उच्च अधिकारियों तक शिकायत की थी. 

जल संकट: आजादी के इतने साल बाद भी पानी की समस्या से परेशान वकील ने की खुदकुशी, गहरी नींद में सोया प्रशासन

आजादी के 76 साल पूरे होने का बाद भी राजस्थान के अलवर जिले के बुजुर्ग वकील को खुदकुशी करनी पड़ी. बुजुर्ग वकील दो बाल्टी पीने के लिए 1 से डेढ़ घंटे की लाइन में खड़ा होना पड़ता था. सुसाइड करने से पहले वकील ने एक्सईएन और एसीई ने समस्या को लेकर सबको पत्र लिखे. लेकिन किसी भी विभाग ने समस्या को लेकर किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं की. प्रशासन गहरे नीद में सोता रहा. 

वकील ने सुसाइड के समय किसी तरह का नोट तो नहीं लिखा. लेकिन परिजनों ने बताया कि वह पिछले डेढ़ माह से पानी की किल्लत को लेकर परेशान थे. इस घटना की जानकारी होने के बाद मोहल्ले के लोगों ने जलदय विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की. पुलिस ने परिवार वालों के बयान दर्ज कर शव को कब्जे में ले लिया. जिसका पोस्टमार्टम गुरूवार को कराया गया. बुजुर्ग अपनी बिमार पत्नी आशा और बेटी के साथ रहते है. बेटा भोपाल के पोस्ट ऑफिस विभाग में काम करता है. 

डेढ़ महीने से नहीं आ रहा था पानी

बुजुर्ग के पड़ोसी हरिओम गुप्ता ने बताया कि पिछले डेढ़ माह से बिल्कुल भी पानी नहीं आ रहा था. मोहनलाल खुद साइकिल से बाल्टी लेकर डेढ़ किलोनीटर दूर पानी लेने जाते थे. जहांं एक से डेढ़ घंटे तक पानी के लिए लाइन में लगना पड़ता था. मृतक की बेटी आरती ने बताया कि पानी बचाने के लिए मैं और पिता पत्तल में खाना खाया करते थे. 

प्रशासन ने दी सफाई

जिला कलेक्टर आशी, गुप्ता ने कहा कि अगर पानी की किल्लत की वजह से खुदकुशी की गई है. तो इसकी जांच जरूर कराई जाएगी. वहीं पीएचईडी के एसीई ने कहा कि इलाके में हर दूसरे दिन पानी छोड़ते है.

वॉल्व हटाने से पैदा हुई समस्या 

स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले पास की बोरिंग से पानी आता था. ढाई साल पहले वॉल्व को अग्रवाल स्कूल के पीछे लगाने से 110 मकानों को समस्या हो गई. मोहनलाल इसके लिए दो बार एक्सईएन पीएचईडी, दो बार कलेक्टर, पीएचईडी जनसुनवाई, कलेक्टर जनसुनवाई, एसीई को गुहार लगा चुके लेकिन कुछ नहीं हुआ.