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पद्मश्री से सम्मानित अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को उप-मुख्यमंत्री दीया कुमार दी बधाई, जानिए कौन हैं दोनों भाई?

राजस्थान के संगीतकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इन्हें राजस्थान के मांड संगीत में निपुणता के लिए भी जाना जाता है। राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी एक्स पर संगीतकारों को पद्मश्री के लिए बधाई दी।

पद्मश्री से सम्मानित अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को उप-मुख्यमंत्री दीया कुमार दी बधाई, जानिए कौन  हैं दोनों भाई?
पद्मश्री मिलने से सम्मानित अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को उप-मुख्यमंत्री दीया कुमार दी बधाई, जानिए कौन हैं दोनों भाई?

राजस्थान के संगीतकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इन्हें राजस्थान के मांड संगीत में निपुणता के लिए भी जाना जाता है। राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी एक्स पर संगीतकारों को पद्मश्री के लिए बधाई दी।

दीया कुमारी ने दी बधाई

राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को पद्मश्री के लिए बधाई का ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘ राजस्थान के लोक संगीत मांड में निपुण बीकानेर के श्री अली मोहम्मद जी और श्री गनी मोहम्मद जी पद्मश्री सम्मान ग्रहण करने पर बहुतबधाई, आप दोनों भाइयों की जोड़ी निरंतर विश्व पटल पर राजस्थान की स्वर लहरियां बिखेरती रहे’

कौन हैं ये संगीतकार

बॉलीवुड के संगीतकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को, भारत सरकार ने देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्म श्री से नवाज़ा है। दोनों भाई बीकानेर के तेजरासर गांव में पैदा हुए, दोनों भाइयों को संगीत विरासत में मिला। इनके पिता सिराजुद्दीन ख़ुद संगीत के बड़े ज्ञाता थे, बचपन में वालिदा का इंतेकाल के बाद पालन पोषण की जिम्मेदारी पिता पर ही थी। पिता सिराजुद्दीन से दोनों भाइयों को संगीत की विरासत दी।

जब गांव छोड़ निकले मुंबई

एक बिल्कुल पिछड़े हुए गांव तेजरासर से निकल कर दोनों भाई अपना मुकाम बनाना चाहते थए। जवानी में दोनों ने कोलकाता का रुख किया। फिर और वहां से सपनों की नगरी मुम्बई गए। गांव में पले-बढ़े इसलिए संघर्ष ज्यादा अटपटा नहीं लगा और संघर्ष के साथ धीरे-धीरे कामयाबी मिली और बॉलीवुड के संगीतज्ञों और निदेशकों की नज़रें उन पर पड़ीं।

हिंदी के साथ राजस्थानी और पंजाबी में भी किया काम

पिता स्वर्गीय सिराजुद्दीन ख़ान से संगीत की तालीम हासिल करने वाले अली-गनी शास्त्रीय संगीत में बेहतरीन पकड़ रखते हैं। इसके साथ ही दोनों भाईयों ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा उस्ताद मुनव्वर अली ख़ान और उस्ताद बड़े गुलाम अली ख़ान से हासिल की थी। साल 1981 से ही ऑल इण्डिया रेडियो से जुड़े दोनों भाइयों ने कई फ़िल्मों में संगीत निर्देशन किया है। इसमें हिन्दी के साथ ही राजस्थानी और पंजाबी फिल्में शामिल रही। साथ ही नात, भजन और राजस्थानी लोकगीतों के कई एल्बम रिलीज किए।

60 साल के अली और 62 साल के गनी को पद्म श्री मिला। वो इस सम्मान के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीकानेर में सांसद और केन्द्रीय क़ानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को श्रेय देते हैं।