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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सरोदा ग्राम पंचायत का विकास, कागजों में पूर्ण हुए कार्य, धरातल पर अधूरे

डूंगरपुर, जिले के सरोदा ग्राम पंचायत भवन में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे है. गांव के विकास कार्य फाइलों पर तो पूर्ण दिखाई दे रहे हैं. लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सरोदा ग्राम पंचायत का विकास, कागजों में पूर्ण हुए कार्य, धरातल पर अधूरे

सोमवार को डूंगरपुर के सरोद ग्राम पंचायत भवन में पंचायत के कार्यों से नाराज होकर गांव वालों ने बैठक का आयोजन किया. गांव वालों ने बैठक में ग्राम पंचायत द्वारा गांव में कराएगे विकास कार्यों का पूरा ब्यौरा मांगा. ये बैठक करीब 4 घंटे तक चली. बैठक में ग्राम पंचायत के सरपंच पन्नालाल डोडियार, उप सरपंच प्रवीण पंडया, ग्राम विकास अधिकारी विनोद गुप्ता सहित सभी वार्ड पंच की मौजूदगी रही. पहली बार जिले की किसी ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने बैठक कर ग्राम पंचायत से विकास कायों का हिसाब मांगा. 

बैठक में मौजूद ग्राम अधिकारियों द्वारा गांव वालों को संतोष जनक जवाब नहीं मिल पाया. बैठक में सरपंच ने कहा कि कुछ कार्यों में गुणवत्तापूर्ण काम नहीं हो सका

है, जिसे मैं स्वीकार करता हूं. ग्राम विकास अधिकारी ने कहा कि मैं अभी हाल ही में ज्वाइन किया है, पूर्व ग्राम विकास अधिकारी को इसकी जानकारी होगी. उपसरपंच बैठक में कोई जवाब नहीं दे पाए. हालांकि ग्राम पंचायत के इस रवैये से ग्रामीण नाराज दिखे. अब आगे की कार्रवाई के लिए प्रशासन में जाने की बात कही.



दरअसल, पूर्व में ग्रामीणों ने 15-20 दिन पहले गोपाल चौक पर बैठक कर ग्राम पंचायत सरोदा के सरपंच से क्षेत्र में किए कार्यों की जानकारी मांगी थी. इसमें सांगेला तालाब की सफाई, पंचायत के जरिये चहेतों के निजी कार्य की जानकारी मांगी. बैठक में लोकसभा चुनाव होने के बाद बैठक करने का निर्णय लिया गया था. इस पर सोमवार को पुनः बैठक हुई. इसमें सरपंच द्वारा क्षेत्र में हुए कार्यों की ग्रामीणों को जानकारी दी गई. कार्यों की सूची देखकर ग्रामीण ने नाराजगी जताई. ग्राम पंचायत के कागजों में पूर्ण हुए कार्य धरातल पर अधूरे, निष्पक्ष जांच की मांग उठाई गई.

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सरोदा ने वर्ष 2014 से मार्च 2024 तक हुए मनरेगा सहित अन्य मद में हुए समस्त कार्यों की जांच किए जाने, ग्राम पंचायत द्वारा कार्य करवाते हुए सरकारी पैसे का दुरुपयोग करते हुए गबन घोटाला कर अपने चहेतों की निजी भूमि पर कार्य करवाए जाने का आरोप लगाया. ग्राम पंचायत द्वारा कागजों में पूर्ण हुए कार्य धरातल पर अधूरे होने का आरोप लगाया गया है. ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपते हुए ग्राम पंचायत सरोदा में 2014 से मार्च 2024 तक हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कर ग्रामीणों को राहत प्रदान करने की मांग की है.




पंचायती राज मंत्री  के नाम का सौंपा ज्ञापन

गांव वालों को बैठक में सन्तोष जनक जवाब नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने तहसील पहुंच कर उप तहसीलदार उमाकान्त पण्ड्या को उपखंड अधिकारी सागवाडा, कलेक्टर डूंगरपुर, संभागीय आयुक्त बांसवाड़ा, पंचायती राज मंत्री राजस्थान सरकार के नाम का ज्ञापन सौंपा.