छह साल पहले बना इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति एक्ट, अभी तक नहीं हुआ बोर्ड का गठन
Electropathy Medical System Act: साल 2018 में राज्य सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति की जांच के बाद एक्ट तो लागू कर दिया, लेकिन इसे रेगुलेट करने के लिए अब तक बोर्ड नहीं बना पाई।
Electropathy Medical System Act: राजस्थान में बीते 6 सालों से इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा बोर्ड के गठन का इंतजार कर रहे चिकित्सकों के सब्र का बांध अब टूट गया है। साल 2018 में राज्य सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति की जांच के बाद एक्ट तो लागू कर दिया, लेकिन इसे रेगुलेट करने के लिए अब तक बोर्ड नहीं बना पाई। जिसकी मांग को लेकर अब तक कई बार इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टरों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोला है।
जल्द लागू होना चाहिए इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड- हेमंत सेठिया
जयपुर के इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने बताया कि अक्टूबर 2018 को प्रस्तावित इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड को जल्द लागू करना चाहिए। भजनलाल सरकार ने भी बजट में परीक्षण कराकर नियम बनाने की घोषणा करने के बाद आने वाले दिनों में कुछ अच्छे परिणाम की संभावना हैं।
कब क्या हुआ
- इलेक्ट्रोपैथी वैज्ञानिक एवं विधिक विश्लेषण कमेटी की रिपोर्ट 27 सितंबर 2017 को सरकार को मिली।
- मार्च 2018 को राजस्तान विधानसभा में राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी सिस्टम ऑफ मेडिसिन एक्ट-2018 पारित हुआ।
- 10 अप्रैल,2018 को इस एक्ट के लिए राज्यपाल का अनुमोदन प्राप्त हुआ।
- 11 अप्रैल, 2018 को इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का रजिस्ट्रार नियुक्त हुआ।
- 5 अक्टूबर, 2018 को सीएमओ आफिस से अध्यक्ष सहित 7 सदस्यों को नामित कर बोर्ड गठन का प्रस्ताव हुआ।
- साल 2019 से 2024 तक राजस्थान विधानसभा के 21 सदस्यों द्वारा 5 बार ध्यानाकर्षण, प्रश्न,पॉइंट ऑफ इंनफॉर्मेशन एवं कट मोशन के माध्यम से इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन करने का मुद्दा उठाया गया।
- 10 जुलाई, 2024 को सरकार ने बजट घोषणाओं में इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड के संबंध में परीक्षण कर नियम बनाने की घोषणा की।
क्या है इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा
इलेक्ट्रोपैथी में दवाओं का निर्माण नॉन पॉइजन वनस्पति से किया जाता है, करीब 114 पौधों से इसकी दवा बनती है। इलेक्ट्रो का अर्थ शरीर में पाए जाने वाली धनात्मक व ऋणात्मक शक्ति है, होम्यो का अर्थ समानता एव पैथी का अर्थ चिकित्सा व सिद्धांत से है। अत: इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से मनुष्य में असामान्य शक्ति को पेड़-पौधों से प्राप्त रस में उपस्थित धनात्मक व ऋणात्मक शक्तियों के द्वारा समान किया जाता है।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी का नहीं है कोई साइड इफेक्ट
डॉक्टर्स के मुताबिक यदि स्वस्थ व्यक्ति भी इलेक्ट्रो होम्योपैथी की दवाइयां ले रहा है, तो उसे कोई साइड इफेक्ट या अन्य बीमारी नहीं होगी। साथ ही जिस रोग के लिए व्यक्ति इलेक्ट्रो होम्योपैथिक की दवाई ले रहा है, केवल उसका वही रोग ठीक होगा। दवाइयां अन्य चीजों पर अपना प्रभाव नहीं डालती हैं। चिकित्सक बतातें है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति हर वर्ग हर उम्र के व्यक्ति खा सकते है, जिनसे उन्हें कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड बनने का फायदा
इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों का कहना है कि इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड बनने से आमजन को फायदा होगा. जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग दूसरी चिकित्सा पद्धति अपना नहीं पाते, वो इस पद्धति को आसानी से अपना सकते हैं. ये नेचुरोपैथी से रिलेटेड पद्धति है. इसमें किसी तरह की केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता. किसी को कोई साइड इफेक्ट होने के चांस नहीं रहते हैं। इस पद्धति के इस्तेमाल से क्रॉनिक डिजीज में भी सफलता अर्जित की है।
ब्यूरो रिपोर्ट राजस्थान