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नगर निगम के पूर्व आयुक्त पर नक्शा पास करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप, नगर निगम ग्रेटर जांच के दिए निर्देश

जयपुर, राजस्थान की राजधानी जयपुर नगर निगम ग्रेटर के पूर्व आयुक्त पर पैसे लेकर नक्शा पास करने का आरोप लगा है. शिकायत मिलने के जयपुर नगर निगम ग्रेटर प्रशासन ने जांच के आदेश दिए है.

नगर निगम के पूर्व आयुक्त पर नक्शा पास करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप, नगर निगम ग्रेटर जांच के दिए निर्देश

जयपुर नगर निगन ग्रेटर के पूर्व आयुक्त और आईएएस महेंद्र सोमी और उप नगर नियोजक (डीटीपी) अजय गोयल पर रिश्वत लेकर नक्शा पास करने का आरोप लगा है. जिसकी शिकायत जयपुर के नगर निगम ग्रेटर में की गई थी. शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए है. डिप्टी कमिश्नर प्लानिंग (द्वितीय) को जांच अधिकारी, जबकि रेवेन्यू ऑफिसर हैडक्वार्टर को उपस्थापक अधिकारी नियुक्त किया है. दोनों को सात दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. 

बिना परमिशन के प्लान को दी मंजूरी 

निगम ग्रेटर की अतिरिक्त आयुक्त से जारी इन जांच आदेशों बनीपार्क राममंदिर स्थित मिलिस्ट्री एरिया से लगते भूखंड संख्या ए-2, ए-3 एवं ए-6 (क्षेत्रफल 37561 वर्गमीटर) जमीन पर ग्रुप हाउसिंग की योजना का ले-आउट प्लान मंजूर किया गया. अतिरिक्त आयुक्त ने बताया कि ले-आउट प्लान को मंजूरी देने से पहले मिलिट्री से किसी प्रकार की कोई अनुमति (एनओसी) नहीं ली गई. साथ ही इस प्रोजोक्ट में नगरीय विकास विभाग और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन भी नहीं किया गया. हाईकोर्ट ने सामरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मिलिस्ट्री एरिया (बाउंड्रीवाल) से 100 मीटर की दूरी तक की दूरी पर निर्माण से पहले रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेना जरूरी होता है।

नियमों का नहीं हुआ पालन 

इस प्रोजेक्ट में उस वक्त के कमिश्नर महेन्द्र सोनी, डीटीपी अजय गोयल समेत अन्य अधिकारियों ने किसी भी प्रकार के नियमों का पालन नहीं किया. बिना नियमों को देखे हुए इस प्रोजेक्ट को पास किया गया है. जिसकी शिकायत रक्षा मंत्रालय में की गई. जिसके बाद वहां से आदेश आने के बाद राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच आदेश जारी दिए. अब नगर निगम ग्रेटर ने इसकी जांच शुरू करवा दी है.       

सभी तरह की अप्रूवल लेकर दी अनुमति- सोनी

इस मामले में एचसीएम रीपा में अतिरिक्त महानिदेशक पद पर नियुक्त महेन्द्र सोनी ने कहा- कि ये जो शिकायत की गई है, वह गलत है. हमने इस प्रोजेक्ट को सभी नियमों के तहत अप्रूवल दी है. अप्रूवल के समय हमने प्रोजेक्ट की फाइल को सरकार तक भिजवाया था और एम्पावर्ड कमेटी में भी मेयर के समक्ष रखकर मंजूरी दी थी. ये मेरी छवि को खराब करने के लिए किसी व्यक्ति ने शिकायत की है, जो गलत है.