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लक्ष्मी की कृपा से कैसे बना एक रूपए में जयपुर का इतना बड़ा मंदिर

राजस्थान की भवन निर्माण और मंदिर निर्माण की शैली बेजोड़ है, सदियों बाद भी यहां के स्थल इतने खूबसूरत हैं मानों प्रकृति खुद इनकी देखभाल करती हो. राजस्थान दुनिया भर में अपनी कला की छाप छोड़ता है. यहां के सुंदर सुंदर महल, मंदिर और भव्य इमारतों को देखने दुनियाभर से लोग खिंचे चले आते हैं. इन्हीं स्थलों में से एक है जयपुर का बिड़ला मंदिर. मंदिर लभ्मीनारायण मंदिर के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है.

लक्ष्मी की कृपा से कैसे बना एक रूपए में जयपुर का इतना बड़ा मंदिर

राजस्थान की भवन निर्माण और मंदिर निर्माण की शैली बेजोड़ है, सदियों बाद भी यहां के स्थल इतने खूबसूरत हैं मानों प्रकृति खुद इनकी देखभाल करती हो. राजस्थान दुनिया भर में अपनी कला की छाप छोड़ता है. यहां के सुंदर सुंदर महल, मंदिर और भव्य इमारतों को देखने दुनियाभर से लोग खिंचे चले आते हैं. इन्हीं स्थलों में से एक है जयपुर का बिड़ला मंदिर. मंदिर लभ्मीनारायण मंदिर के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है. बिड़ला मंदिर जयपुर के मोती डुंगरी इलाके के समीप है. सफेद संमरमर से बने इस मंदिर की शोभा देखते ही बनती है. संगमरमर में की गई छोटी- छोटी नक्काशी इस मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाती है. इस मंदिर के पास पहाड़ी पर मोती डूंगरी फोर्ट भी है जिसका निर्माण स्कॉटिश शैली में किया गया है.

1988 में हुआ मंदिर का निर्माण

सन् 1998 में बिड़ला मंदिर का निर्माण पूरा हुआ था जिसको बिरला ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने बनवाया था. लेकिन इस मंदिर के बारे में एक हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि जिस जगह पर मंदिर का निर्माण हुआ है उस जमीन को बिड़ला ग्रुप ने जयपुर के तत्कालीन महाराजा से एक रुपये की राशि देकर खरीदा था. मंदिर में स्थापित मूर्तिंयों की सुंदरता अलौकिक है. मंदिर में विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी के साथ कई देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं. मंदिर को बाहर की दीवारों पर भी अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक व्यक्तित्व चित्रित किए गए हैं. जिसमें गौतम बुद्ध, सुकरात, ईसा मसीह और कंफ्यूशियस के चित्र शामिल हैं.

संगमरमर को तराश कर बनी हैं मूर्तियां

बिड़ला मंदिर के गर्भगृह में माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की मूर्तियां विराजती हैं. इन मूर्तियों को संगरमर के टुकड़े को तराश कर बनाया गया है, इन मूर्तियों की शोभा भव्य दहने और वस्त्र बढ़ाते हैं. श्रद्धालु माता लक्ष्मी से यहां धन और ऐश्वर्य के लिए कामना करते हैं.