Jaipur news: 2035 में दुनिया की कुल जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 11 ट्रिलियन डॉलर, जानें क्या है पूरा मामला
विश्व के अनेकों देशों में प्रवास कर चुके प्रसिद्ध डाटा सांइटिस्ट एस नरेन्द्रन ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय कैसे बनना है, यह सीख लिया तो आने वाले समय में भारत विश्व गुरु बनेगा।
एचएसएसएफ (Hindu Spiritual and Service Foundation) के तत्वाधान में आदर्श नगर स्थित दशहरा मैदान में पांच दिवसीय हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला का आयोजन किया जा रहा है। मेले के दूसरे दिन हिन्दू कॉन्क्लेव में चार विषयों- भारतीय दर्शन एवं राष्ट्रीय एकता, कर्तव्यपरायणता एवं भारतीयता, हिन्दुत्व एक व्यापक दृष्टिकोण तथा विषयों पर मंथन हुआ।
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राजीव शर्मा ने भारतीय दर्शन एवं राष्ट्रीय एकता विषय पर अपने विचार रखे, वहीं कैप्टन मीरा सिद्धार्थ दवे ने कर्तव्य परायणता और भारतीयता विषय पर बोलते हुए उपस्थित जनसमूह को भारतीय संस्कार और संस्कृति से अवगत कराया।
विश्व के अनेकों देशों में प्रवास कर चुके प्रसिद्ध डाटा सांइटिस्ट एस नरेन्द्रन ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय कैसे बनना है, यह सीख लिया तो आने वाले समय में भारत विश्व गुरु बनेगा। दुनिया की कोई शक्ति इसे नहीं रोक सकती। उन्होंने आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के महत्व को समझाते हुए कहा कि 11 वर्षों के बाद विश्व के 67 प्रतिशत एआई इंजीनियर भारतीय होंगे। 2035 में दुनिया की कुल जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 11 ट्रिलियन डॉलर होगी। डाटा साइंटिस्ट नरेन्द्रन ने एआई से मिले डाटा के आधार पर भारतीय इतिहास की पर्तें खोलते हुए कहा, 1100 वर्ष पहले विश्व में 55 प्रतिशत सनातनी थे तथा 62 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा संस्कृत थी। उन्होंने कहा एआई तकनीक से भारत वापस उसी स्टेज पर पहुंचेगा। नरेन्द्रन ने युवाओं को गीता का महत्व समझाते हुए कहा, गीता मानव शरीर की मैनुअल है।
मेले में एक ओर हिन्दुत्व पर मंथन
विधायक एव वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा ने हिन्दुत्व एक व्यापक दृष्टिकाण विषय पर बोलते हुए भारतीय इतिहास के पन्नों को खोला, देश और दुनिया में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा के कारण को स्पष्ट किया, साथ ही मुस्लिम आक्रान्ताओं के प्रथम आक्रमण की जानकारी साझा की। उन्होंने गीता के श्लोकों, वेद की रचना के साथ हिन्दुत्व क्या है, से अवगत कराया।
मेले में एक ओर हिन्दुत्व पर मंथन चल रहा था, तो दूसरी ओर पाण्डालों में आने वालों की कतार लगी रही। मेले में लगी स्टॉल्स सच में हिन्दू आध्यात्म के मायने समझा रही थीं। भारतीय संस्कार और संस्कृति के अनुरूप अध्यात्म क्या है और क्यों है, की जानकारी लेते लोगों के समूह एक स्टॉल से दूसरी स्टॉल पर अपनी जिज्ञासा शांत कर आनंद की अनुभूति करते दिखे। मेले में छह डोम हैं, प्रत्येक में भारतीय योग व दर्शन से सुखमय जीवन जीने के अनूठे प्रयोग देखने को मिले। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सामाजिक संगठनों के विशाल सेवा प्रकल्पों का यह अभिनव मेला शिक्षा और संस्कारों के साथ हिन्दू जीवन में नित्य करने योग्य कार्यों से अवगत करा रहा है। मेला स्थल पर बने अभिव्यक्ति पाण्डाल में विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी, शौर्य मण्डपम में भारत को जानने वाली प्रदर्शनी, सेवा खण्ड में सेवा कार्यों की प्रदर्शनी, प्रेरणा प्रकल्प के अंतर्गत दादी नानी का घर, कथा कहानी का प्रदर्शन एवं प्रयास डोम में कला उत्सव भारतीय मूल्यों पर आधारित लाइव पेन्टिंग देख लोग आनन्द का अनुभव करते रहे।
गंगा आरती का हुआ आयोजन
मेले में मॉं गंगा व गंगोत्री की प्रतिकृति देखते ही बन रही है। सहॉं विश्व हिन्दू परिषद द्वारा गंगा दीप दान का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर विहिप के जुगल किशोर एवं साध्वी समदर्शी ने गंगा के महत्व पर अपने विचार रखे।