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टक्कर जोरदार, कांग्रेस लहराएगी जीत का परचम या बीजेपी मारेगी बाजी, जयपुर सीट पर कुछ ऐसे हैं समीकरण

राजस्थान की जयपुर लोकसभा सीट काफी लंबे समय से बीजेपी के लिए सुरक्षित रही है. यहां बीजेपी ने सबसे पहले 1989 में अपना खाता खोला था. उसके बाद यहां लगातार 1991, 96, 98, 99, 2004 के चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता गिरधारी लाल भार्गव जीतते रहे. हालांकि साल 2009 के चुनाव में एक बार जरूर कांग्रेस ने पांच साल के लिए बीजेपी का विजय रथ रोक लिया था, लेकिन उसके बाद फिर 2014 और 2019 में बीजेपी के रामचरण बोहरा यहां से चुनाव जीते और सांसद बने

टक्कर जोरदार, कांग्रेस लहराएगी जीत का परचम या बीजेपी मारेगी बाजी, जयपुर सीट पर कुछ ऐसे हैं समीकरण

राजस्थान की जयपुर लोकसभा सीट काफी लंबे समय से बीजेपी के लिए सुरक्षित रही है. यहां बीजेपी ने सबसे पहले 1989 में अपना खाता खोला था. उसके बाद यहां लगातार 1991, 96, 98, 99, 2004 के चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता गिरधारी लाल भार्गव जीतते रहे. हालांकि साल 2009 के चुनाव में एक बार जरूर कांग्रेस ने पांच साल के लिए बीजेपी का विजय रथ रोक लिया था, लेकिन उसके बाद फिर 2014 और 2019 में बीजेपी के रामचरण बोहरा यहां से चुनाव जीते और सांसद बने.

8 विधानसभा को मिलाकर बनी जयपुर सीट

जयपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी इस लोकसभा सीट में किसनपोल और आदर्श नगर को छोड़ कर बाकी छह विधायक बीजेपी के हैं. इनमें बालमुकुंद आचार्य व उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी भी शामिल हैं. कांग्रेस के साथ मजबूरी यह है कि उनके पास कोई दमदार प्रत्याशी नहीं मिल रहा. ऐसे में हर चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी बदल जाते हैं. 2019 के ही चुनाव में कांग्रेस ने रामचरण बोहरा के सामने ज्योति खंडेलवाल को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें महज 33 फीसदी वोट हासिल हुए थे. जबकि 2014 में बीजेपी के रामचरण बोहरा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने डॉ. महेश जोशी को मैदान में उतारा था. उस समय उन्हें महज 24 फीसदी वोट मिले थे. 

जयपुर लोकसभा सीट का इतिहास कुछ इस प्रकार है

राजस्थान में जोधपुर के बाद जयपुर दूसरा सबसे बड़ा शहर है. जयपुर की स्थापना महाराजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने की थी. वहीं, इस शहर को स्टैनली रीड ने पिंक सिटी नाम दिया था. इस शहर को यूनेस्को ने जुलाई 2019 में वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया. यह शहर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. तीन तरफ से अरावली की पहाड़ी से घिरे इस शहर की पहचान महलों, हवेलियों की स्थापत्य कला से है. यहां 1876 में ब्रिटेन की महारानी एलिजावेथ व प्रिंस ऑफ वेल्स अल्बर्ट आए थे. उस समय तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजा दिया था.

जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल का हिस्सा है, इसमें दूसरा हिस्सा दिल्ली तो तीसरा आगरा है. चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरे इस शहर में प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं. बाद में इस शहर का 8वां गेट भी बना 'न्यू गेट' भी है. पुराने शहर के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी से नाहरगढ़ दुर्ग ऐसा प्रतीत होता है मानो वह शहर का मुकुट हो. इसके अलावा यहां हवा महल, सवाई जयसिंह की वैधशाला और जंतर मंतर भी जयपुर का खास आकर्षण का केंद्र है.  करीब 200 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैले इस शहर में जलमहल, आमेर महल, नाहरगढ़ का किला, और आमेर का किला राजपूती वास्तुशिल्प के उदाहरण हैं.

जयपुर लोकसभा सीट चुनाव परिणाम 2019

उम्मीदवार का नाम

परिणाम

कुल वोट

वोट प्रतिशत %

Ram Charan BohraBJP

जीत

924065

63.45

Jyoti KhandelwalCong

हार

493439

33.88

Umrao SalodiaBSP

हार

7867

0.54

नोटा

हार

6522

0.45