Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Rajasthan Byelection: बेनीवाल की बयानबाजी के नहले पर ज्योति मिर्धा का दहला, Bharat Raftar के Exclusive इंटरव्यू में

राजस्थान में हो रहे उपचुनावों के दौरान राजनीति का माहौल काफी गरमा गया है। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा ने आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल पर तीखा प्रहार करते हुए उन पर परिवारवाद और दोहरे मापदंड का आरोप लगाया। 

Rajasthan Byelection: बेनीवाल की बयानबाजी के नहले पर ज्योति मिर्धा का दहला, Bharat Raftar के Exclusive इंटरव्यू में

राजस्थान में चल रहे उपचुनावों के बीच सियासी माहौल गरम हो गया है। हर पार्टी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही है, और बयानबाजी का सिलसिला तेज़ हो गया है। इस गर्म माहौल में भाजपा नेता और पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा ने "भारत रफ्तार" को दिए एक साक्षात्कार में आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल पर तीखा हमला बोला।

ये भी पढें-

ज्योति मिर्धा ने बेनीवाल को परिवारवाद मामले पर घेरा

हनुमान बेनीवाल ने खींवसर विधानसभा सीट से अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को आरएलपी का प्रत्याशी बनाया है। इस पर टिप्पणी करते हुए डॉ. मिर्धा ने बेनीवाल को 'परिवारवाद' के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बेनीवाल हमेशा से भाजपा और कांग्रेस को परिवारवाद के लिए निशाने पर लेते आए हैं, लेकिन खुद की बारी आते ही वह चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने इसे 'दोहरे मापदंड' करार दिया और आरोप लगाया कि बेनीवाल ने परिवारवाद की आलोचना करते हुए अपने पिता, भाई और खुद को एमएलए के तौर पर स्थापित किया और अब अपनी पत्नी को भी उसी रास्ते पर ले आए हैं। डॉ. मिर्धा का मानना है कि बेनीवाल ने जनता के लिए कुछ खास नहीं किया है, और ऐसे में उन्हें युवाओं को भ्रमित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

मिर्धा ने बेनीवाल के बीजेपी से दुश्मनी का सीक्रेट बताया

आरएलपी नेता बेनीवाल भाजपा को अपना 'नंबर वन दुश्मन' मानते हैं और अक्सर भाजपा नेताओं के खिलाफ बयान देते रहते हैं। इस पर डॉ. मिर्धा ने एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि बेनीवाल ने भाजपा में जुड़ने की काफी कोशिशें की थीं, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेताओं और मुख्यमंत्री के खिलाफ दिए गए उनके अपशब्दों के चलते पार्टी ने उन्हें शामिल करने से मना कर दिया था।

बेनीवाल लोगों को मोहरा बनाते हैं: मिर्धा

बेनीवाल के कार्यों पर सवाल उठाते हुए डॉ. मिर्धा ने कहा कि वह जनता को सिर्फ एक 'मोहरा' बनाकर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बेनीवाल अक्सर अपने कामों का श्रेय खुद ले लेते हैं, जबकि वास्तविकता में उन्होंने गहलोत सरकार से कई कार्य करवाए हैं और उसका क्रेडिट खुद उठा लेते हैं। मिर्धा का मानना है कि बेनीवाल का यह रवैया चुनावी राजनीति में उनके असली उद्देश्यों को दिखाता है।