Kota News : बेटियों ने तोड़ी परंपरा, समाज को दी मिसाल, निभाया बेटे का फर्ज, जानें पूरा मामला
ये घटना केवल एक पारिवारिक घटना नहीं थी, बल्कि समाज के लिए एक गहरी शिक्षा थी।
कोटा के लाड़पुरा क्षेत्र में एक दिल छूने वाली घटना ने सबका दिल छेड़ा। ये घटना एक पिता के अंतिम संस्कार के समय घटी, जब उनकी छह बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाया और पिता की अंतिम यात्रा को अनोखे तरीके से अंजाम दिया।
इसे भी पढ़िये -
बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज
दिलीप चौरसिया, जो अजमेर से ताल्लुक रखते थे, का मंगलवार को आकस्मिक निधन हो गया। उनके परिवार में कोई बेटा नहीं था, लेकिन दिलीप चौरसिया ने अपनी बेटियों को इस कदर पाला था कि वे अपने पिता के अंतिम समय में उनके साथ खड़ी रही। जब परिवार के अन्य सदस्य ये सोच रहे थे कि पिता की अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी कौन उठाएगा, तब उनकी छह बेटियों ने ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली।
हिंदू रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार
बेटों की तरह इन बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और शमशान घाट तक ले गईं। शमशान घाट पर हिंदू रीति-रिवाज से उनके पिता का अंतिम संस्कार किया गया। ये दृश्य देख वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में आंसू आ गए, क्योंकि एक पिता ने अपनी बेटियों को इस तरह से सशक्त और जिम्मेदार बनाया था कि वे बेटे की भूमिका निभा सकती थीं।
समाज के लिए एक गहरी शिक्षा
ये घटना केवल एक पारिवारिक घटना नहीं थी, बल्कि समाज के लिए एक गहरी शिक्षा थी। ये दिखाता है कि बेटियों को भी उसी प्यार, देखभाल और समर्पण से पाला जा सकता है जैसा बेटों को मिलता है। दिलीप चौरसिया ने अपने जीवन में ये साबित किया कि सच्चे रिश्ते खून के नहीं, बल्कि समझ और प्यार के होते हैं।
रिपोर्ट - आसिफ खान