Mohana Singh ने 8 साल बाद फिर रचा इतिहास, तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट, राजस्थान से है गहरा नाता, जानें....
तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने पर मोहना सिंह के परिवार में खुशी का माहौल है। झुंझुनूं जिला मुख्यालय के निकट खातेपुरा में उनके माता-पिता प्रताप सिंह और मंजू सिंह के अलावा अन्य परिजनों में खुशी का माहौल है।
करीब आठ साल बाद राजस्थान के झुंझुनू की बेटी मोहना सिंह ने एक बार फिर पूरे देश का नाम रोशन किया है। 2016 में मोहना सिंह ने देश की पहली महिला फाइटर पायलट के तौर पर अपनी सफलता की कहानी जारी रखी और अब स्क्वाड्रन लीडर बन गई हैं। इस जिम्मेदारी के साथ मोहना सिंह ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। अब वह देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं जो LCA तेजस उड़ाएंगी।
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नाना से प्रेरित होकर डिफेंस में बनाया करियर
उदयपुरवाटी के पास पापड़ा गांव की ढाणी जीतरवालों की रहने वाली मोहना सिंह की दो बहनें हैं। उनके पिता प्रताप सिंह भी 2021 में वायुसेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके दादा और नाना भी सेना में रहे हैं। नाना के पास रहते हुए उन्होंने दिल्ली में स्कूली शिक्षा पूरी की और नाना को रोजाना वायुसेना की वर्दी में देखकर प्रेरित हुईं और डिफेंस में अपना करियर बनाने का फैसला किया। जो आज सही साबित हो रहा है।
तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर
तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने पर मोहना सिंह के परिवार में खुशी का माहौल है। झुंझुनूं जिला मुख्यालय के निकट खातेपुरा में उनके माता-पिता प्रताप सिंह और मंजू सिंह के अलावा अन्य परिजनों में खुशी का माहौल है। मोहना सिंह की मां मंजू सिंह ने बताया कि मोहना सिंह इसी साल मई में गांव आई थी। तब तक उन्हें भी पता नहीं था। लेकिन बाद में पता चला कि उनका चयन तेजस उड़ाने के लिए हो गया है। इसके बाद दो महीने की ट्रेनिंग हुई और सभी टेस्ट पास करने के बाद मोहना सिंह ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया है कि वे तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी हैं।
डिफेंस से जुड़ा पूरा परिवार
महज 32 साल की मोहना सिंह ने तीन साल पहले बिजनेसमैन मोहित से शादी की थी। इस मौके पर मोहना सिंह की मां मंजू सिंह और पिता प्रताप सिंह ने बताया कि मोहना सिंह के परिवार में दादा, पिता, नाना सभी डिफेंस में थे। ऐसे में माहौल पहले से ही था। लेकिन उन्हें असली प्रेरणा अपने नाना से मिली। उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं। लेकिन असली प्रेरणा उन्हें अपने नाना से मिली। उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं। लेकिन उन्होंने कभी बेटे और बेटी में फर्क नहीं समझा। बड़े-बुजुर्गों ने कई बार कहा कि बेटा होना चाहिए। लेकिन हमारी बेटियां यह न समझें कि हम कमतर हैं कि हमारे माता-पिता को बेटा चाहिए। इसलिए हमने कोई चांस नहीं लिया। पिता प्रताप सिंह ने कहा कि बेटियों को अगर सही शिक्षा और सही दिशा दी जाए तो वे भी बेटों से कम नहीं हैं। मोहना सिंह इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
आपको बता दें कि मोहना सिंह भारत की पहली महिला फाइटर पायलटों में से एक हैं। जो भारतीय वायुसेना की ऐतिहासिक महिला फाइटर स्ट्रीम का हिस्सा हैं। उन्होंने मिग-21 उड़ाया और बाद में गुजरात के नलिया एयर बेस में प्रतिष्ठित फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन में शामिल हुईं।