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10 रुपए का सिक्का लेने से किया मना...तो हो सकती है जेल!, जानें क्या है पूरा मामला

कुछ लोगों का मानना ​​है कि 10 रुपए के सिक्के पर छपा 10 लाइन वाला सिक्का असली है, जबकि 15 लाइन वाला सिक्का नकली है।

10 रुपए का सिक्का लेने से किया मना...तो हो सकती है जेल!, जानें क्या है पूरा मामला

10 रुपए के सिक्के को लेकर लोगों में लंबे समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) समय-समय पर लोगों को इस बारे में सचेत करते रहते हैं, लेकिन आज भी इस असमंजस के चलते नागौर के बाजारों में कई जगह दुकानदार 10 रुपए का सिक्का लेने से मना कर देते हैं। 10 रुपए का सिक्का भारतीय मुद्रा है, इसका प्रचलन बंद होने और आम लोगों से दूर होने का असर बैंकिंग व्यवस्था पर पड़ रहा है। वित्तीय लेन-देन में बाधा उत्पन्न करने को लेकर रिजर्व बैंक की गाइडलाइन और कानून में सख्त प्रावधान हैं। नागौर के बाजार में 10 रुपए के सिक्कों का निर्बाध लेन-देन जारी रखना व्यापारियों और ग्राहकों का मौलिक अधिकार है। इस बारे में पत्रिका ने बैंकिंग और कानूनी विशेषज्ञों से बात की।

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क्या 10 लाइन वाला सिक्का असली है?

दरअसल, कुछ लोगों का मानना ​​है कि 10 रुपए के सिक्के पर छपा 10 लाइन वाला सिक्का असली है, जबकि 15 लाइन वाला सिक्का नकली है, लेकिन खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सच बताया है। RBI के मुताबिक भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी विभिन्न आकार और डिजाइन के 10 रुपये के सिक्के वैध मुद्रा हैं, इनका इस्तेमाल सभी लेन-देन में वैध मुद्रा के रूप में किया जा सकता है. RBI ने खुद बताई ये सच्चाई RBI पहले भी कई बार इस बारे में भ्रम को दूर कर चुका है. केंद्रीय बैंक ने इसके लिए अपनी वेबसाइट पर एक नोट डाला है, जिसमें 14 तरह की डिजाइन के सिक्कों का जिक्र है. एक IVRS टोल फ्री नंबर भी है, जो 10 रुपये के सिक्के से जुड़ी जानकारी देता है. RBI का कहना है कि सभी तरह के सिक्के ठीक हैं और लोगों को इन्हें लेने से इनकार नहीं करना चाहिए. 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. भारतीय करेंसी लेने से इनकार करना देशद्रोह की श्रेणी में आता है. सिक्का अधिनियम 2011 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति सिक्का लेने से इनकार नहीं कर सकता है. सिक्के को गलाना भी अपराध है, जिसके लिए सात साल तक की सजा हो सकती है।

सिक्कों पर सरकार का फोकस

अभी बाजार में 10 रुपए का नोट उपलब्ध नहीं है, इसलिए आने वाले समय में बाजार में 10 रुपए के सिक्कों की मांग बढ़ेगी। आरबीआई ने 10 रुपए के नोट छापना लगभग बंद कर दिया है, ताकि बाजार में सिक्कों का इस्तेमाल हो सके। सिक्के और एक रुपए के नोट भारत सरकार जारी करती है और बाकी करेंसी आरबीआई जारी करती है, इसलिए आरबीआई को छोटे नोट कम छापने को कहा गया है।

मना करने पर लग सकता है जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी बैंक 10 रुपए के सिक्के समेत किसी भी करेंसी को लेने से मना नहीं कर सकता। हालांकि नागौर में एक ही चेस्ट बैंक होने के कारण बैंकों के साथ-साथ आम लोगों को भी वहां 10 रुपए के सिक्के जमा कराने में दिक्कत होती है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति आरबीआई से शिकायत करता है कि बैंक सिक्के स्वीकार नहीं कर रहा है तो बैंक पर जुर्माना लगाया जाता है और कार्रवाई भी की जाती है।