Rajasthan की इस जगह पर प्रशासन की भारी चूक, Ashok Gehlot को बताया CM, हुआ आचार संहिता का उल्लंघन!
Dungarpur News: प्रदर्शनी में अशोक गहलोत के फोटो के साथ में उनका डूंगरपुर निकाय के स्वच्छता अभियान को लेकर एक संदेश भी लिखा हुआ है। जिसमें डूंगरपुर निकाय के स्वच्छता के कार्यों को लेकर तात्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बधाई देते हुए प्रदेश की अन्य निकाय को डूंगरपुर निकाय से प्रेरणा लेने की बात लिखी है।
राजस्थान से एक अजब-गजब खबर सामने आई है। दरअसल, एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को नहीं बल्कि अशोक गहलोत को बताया गया है। इसकी क्या सच्चाई है, जब इसकी पड़ताल की गई, तो पता चला कि बादल महल में लगी प्रदर्शनी में आज भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है, भजनलाल शर्मा नहीं! क्या है पूरा मामला, आइए आपको बताते हैं....
बादल महल के मुख्यमंत्री है अशोक गहलोत?
राजस्थान के बादल महल पर नगर परिषद द्वारा डूंगरपुर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थलों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इन्हीं प्रदर्शनी के बीच में अशोक गहलोत का फोटो भी लगा रखा है, जिसमें चीफ मिनिस्टर राजस्थान लिखा हुआ है, जबकि वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री बीजेपी के भजन लाल शर्मा है। अब ये फोटो काफी वायरल हो रही है।
सिर्फ फोटो नहीं संदेश में है वायरल
प्रदर्शनी में अशोक गहलोत के फोटो के साथ में उनका डूंगरपुर निकाय के स्वच्छता अभियान को लेकर एक संदेश भी लिखा हुआ है जिसमें डूंगरपुर निकाय के स्वच्छता के कार्यों को लेकर तात्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बधाई देते हुए प्रदेश की अन्य निकाय को डूंगरपुर निकाय से प्रेरणा लेने की बात लिखी है। वर्तमान में चौरासी विधानसभा में उपचुनाव होने वाले हैं ऐसे में पूरे जिले भर में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री का फोटो लगा संदेश प्रदर्शनी में लगाए रखा है जिस पर अभी तक प्रशासन की नजर नहीं पड़ी है।
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गुरुवार देर शाम को बादल महल परिसर में मेला देखने गए भारत रफ्तार के दर्शकों ने हमें यह वीडियो उपलब्ध करवाया है। प्रदर्शनी में एक तरफ हिंदी में मुख्यमंत्री राजस्थान अशोक गहलोत लिखे हुए पर अखबार चिपका रखा है जबकि अंग्रेजी में अशोक गहलोत चीफ मिनिस्टर ऑफ राजस्थान लिखा हुआ है जबकि प्रदेश में सरकार बदले करीब 10 माह से ज्यादा का समय बीत चुका है वहीं, अशोक गहलोत अब प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री हैं। 10 माह बाद भी नगर परिषद द्वारा मुख्यमंत्री का पदनाम नहीं बदलना कहीं ना कहीं लापरवाही की ओर इशारा करता है तथा आचार संहिता का भी खुला उल्लंघन करता है।
रिपोर्ट- सादिक अली