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राजस्थान में 'कमल' को कितना नुकसान, कांग्रेस को मिल रही इतनी बढ़त, जान लें एग्जिट पोल के सारे आंकड़े

लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुके हैं, एग्जिट पोल भी जारी कर दिए गए हैं। अलग-अलग एग्जिट पोल में इस बार राजस्थान की खाते में 2 से 8 सीटें होंगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि एग्जिट पोल के अनुमानों में अंतर भले हो सकता है, लेकिन इस बार राजस्थान में कांग्रेस का खाता खुलना तय है। आपको बता दें, बीते दो लोकसभा चुनावों से कांग्रेस राजस्थान में खाता नहीं खोल पाई। वैसे, इस बार के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजस्थान में तीन सीटें गठबंधन में दी हैं। इनमें बांसवाड़ा, नागौर और सीकर की सीट शामिल हैं।

राजस्थान में 'कमल' को कितना नुकसान, कांग्रेस को मिल रही इतनी बढ़त, जान लें एग्जिट पोल के सारे आंकड़े
Rajasthan Exit Poll 2024

लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुके हैं, एग्जिट पोल भी जारी कर दिए गए हैं। अलग-अलग एग्जिट पोल में इस बार राजस्थान की खाते में 2 से 8 सीटें होंगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि एग्जिट पोल के अनुमानों में अंतर भले हो सकता है, लेकिन इस बार राजस्थान में कांग्रेस का खाता खुलना तय है। आपको बता दें, बीते दो लोकसभा चुनावों से कांग्रेस राजस्थान में खाता नहीं खोल पाई। वैसे, इस बार के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजस्थान में तीन सीटें गठबंधन में दी हैं। इनमें बांसवाड़ा, नागौर और सीकर की सीट शामिल हैं।

भाजपा को मिलेगी 20 प्लस सीटें

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर अगल-अलग एग्जिट पोल आए हैं। उनके अनुमान के मुताबिक, इसमें ज्यादातर में भाजपा 20 प्लस बताई जा रही है। टाइम्स नाऊ-ईटीजी ने भाजपा को 18, कांग्रेस को सात सीटें मिलने का अनुमान जताया है। वहीं, इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने भाजपा को  16 से 19, कांग्रेस को 5 से 7 और अन्य को 1-2 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। हालांकि कांग्रेस करीब 12 सीटों पर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। वहीं, भाजपा 2 से 3 सीटों का नुकसान मान कर चल रही है।

एग्जिट पोल के अनुमानों में क्यों है फर्क?

हालांकि इसी के साथ ही एक चर्चा ये भी है कि एग्जिट पोल के जो अनुमान जारी किए गए हैं, उनमें काफी फर्क भी नजर आ रहा है। तो इसका सबसे बड़ा कारण ये बताया जा रहा है कि बीते दो लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राजस्थान में बड़े अंतर से सीटें अपने खाते में डाली हैं। इस बार चुनावों में कोई लहर नहीं होने की वजह से वोटिंग प्रतिशत कम रहा, जिसके चलते जीत और हार का मार्जिन बेहद कम रहने वाला है। यही वजह है कि सर्वे एजेंसियों के अनुमानों में यहां की सीटों को लेकर इतना अंतर देखने को मिल रहा है।

राजस्थान में 2019 से कम हुआ मतदान

देश के सबसे बड़े इलाके राजस्थान में 2 चरणों में मतदान हुआ। इसमें पहले चरण में 12 और दूसरे चरण में 13 सीटों पर वोटिंग हुई। रिपोर्ट कहती हैं कि पहले चरण में कम वोटिंग और जातिगत गोलबंदी के चलते मुकाबला ज्यादा कांटे का रहा। आपको बता दें कि पहले चरण में अलवर, भरतपुर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, करौली-धौलपुर, नागौर और गंगानगर सीट के लिए वोटिंग हुई। यहां पर कुल मतदान प्रतिशत 57.65 रहा था। जबकि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कुल 64.02 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इनमें जयपुर ग्रामीण, नागौर, चूरू, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर, दौसा, करौली-धौलपुर पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। एग्जिट पोल के अनुमानों में सबसे ज्यादा प्रभाव इन्हीं सीटों का देखने को मिल रहा है।

दूसरे चरण के लिए 4 सीटों में कड़ी टक्कर 
राजस्थान में दूसरे चरण में बाड़मेर, टोंक सवाई माधोपुर, कोटा और बांसवाड़ा में भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ। दूसरे चरण में अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद, टोंक-सवाई माधोपुर और उदयपुर में वोट डाले गए। मतदान का कुल प्रतिशत 65.03 रहा। वहीं 2019 में इन सीटों पर कुल 68.42 प्रतिशत की वोटिंग हुई थी।