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जोधपुर सीट पर राजपूत बिगाड़ सकते हैं समीकरण, गजेंद्र सिंह शेखावत खिला पाएंगे कमल ?

बीजेपी ने एक बार फिर जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत को  चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा पर दांव खेलकर उन्हे इस बार टिकट दिया है। करण सिंह सचिन पायलट खेमे के नेता हैं और पिछले कई साल से पार्टी में सक्रिय हैं।

जोधपुर सीट पर राजपूत बिगाड़ सकते हैं समीकरण, गजेंद्र सिंह शेखावत खिला पाएंगे कमल ?

बीजेपी ने एक बार फिर जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत को  चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा पर दांव खेलकर उन्हे इस बार टिकट दिया है। करण सिंह सचिन पायलट खेमे के नेता हैं और पिछले कई साल से पार्टी में सक्रिय हैं।

लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही देश में सियासी गतिविधियां उफान पर हैं। जनता भी अपने-अपने नुमाइंदे संसद में भेजने के लिए तैयार है और राजनीतिक दल प्रत्याशियों का ऐलान करने में लगे हए हैं। इन्हीं प्रत्याशियों में से राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट पर 2 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनपर पूरे देश की नजरें हैं। बीजेपी ने एक बार फिर जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस की ओर से करण सिंह उचियारड़ा करने वाले हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत फिलहल केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं। उन्होंने 2019 के चुनाव में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराया था।

यहां थार के रेगिस्तान, दिल्ली से दूरी 600 किमी

बता दें कि जोधपुर ऐसा शहर है जो थार के रेगिस्तान में पड़ता है। यहां बहुत सारे शानदार महल, दुर्ग और मंदिर हैं। जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए यहां हजारों नीले मकान हैं इसी वजह से जोधपुर को 'नीली नगरी' भी कहा जाता है। राजस्थान का हाईकोर्ट भी जोधपुर में है। देश-विदेश से टूरिस्ट भी जोधपुर आ सकें, इसके लिए जोधपुर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी है। दिल्ली से जोधपुर की दूरी करीब 600 किलोमीटर है।

8 विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी लोकसभा

जोधपुर लोकसभा सीट के दायरे में 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें फलोदी, लोटावट, शेरगढ़, सरदारपुरा, जोधपुर, सूरसागर, लूनी और पोखरण शामिल हैं।

गजेंद्र सिंह शेखावत पर एक नजर

जोधपुर से 2 बार के सांसद और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत 1967 में एक राजपुत परिवार में जन्मे। वह छात्र राजनीति से राष्ट्रीय सियासत में कदम रखने वाले नेता माने जाते हैं। गजेंद्र सिंह के राजनीतिक जीवन की शुरुआत जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से हुई जहां वह एबीवीपी में काफी सक्रिय रहे। उन्होंने 1992 में विश्वविद्यालय स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा जिसमें रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की। इसके बाद वह बीजेपी के किसान मोर्चा के महासचिव बने।

राजनीति में कदम रखने से पहले वह आरएसएस में काफी सक्रिय भूमिका के तहत काम करते रहे। लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी कटोच को रिकॉर्ड तोड़ अंतर से हराकर वह पहली बार सांसद बने। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने कांग्रेस के वैभव गहलोत को हराया।

जोधपुर सीट पर बीजेपी का प्रदर्शन

पिछले चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत ने करीब पौन 3 लाख वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। पिछले लोकसभा चुनाव जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने लड़ा था और उनकी करारी हार हुई थी। यही वजह है कि पार्टी ने इस बार फिर शेखावत पर विश्वास जताया है। वहीं, कांग्रेस को उम्मीद है कि करण सिंह उचियारड़ा बीजेपी के इस गढ़ को ध्वस्त करके देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी का परचम लहराएंगे। करण सिंह सचिन पायलट खेमे के नेता हैं और पिछले कई साल से कांग्रेस में सक्रिय हैं। ऐसे में जोधपुर की सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।

जोधपुर सीट पर राजपूतों का राज

जोधपुर लोकसभा सीट के जातीय आंकड़ों के अनुसार, ये राजपूत बाहुल्य सीट है, जिसमें मुस्लिम, बिश्नोई, ब्राह्मण, जाट, मूल ओबीसी समाज महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। महत्वपूर्ण जातियों में राजपूत 440000, मुस्लिम 290000, बिश्नोई 180000, ब्राह्मण 140000, मेघवाल 140000, जाट 130000 और माली समाज एक लाख, वहीं वैश्य समाज 70000 के पास है जो की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहीं एससी एसटी वर्ग के कुल चार लाख से अधिक मतदाता हैं। मेघवाल के अलावा मूल 80000, वाल्मीकि 80000, खटीक 30000, गवारिया-डोली-शास्त्री व अन्य बिश्नोई व माली के अलावा शेष मूल ओबीसी जातियां कुल चार लाख से अधिक हैं, जिसमें कुमार 70000 रावना राजपूत 60000, सुथार 60000, चारण 40000, सैन 40000, पटेल 40000 घांची 30000 देवासी 30000 दर्जी वैष्णव व अन्य जातियां जो की निर्णायक भूमिका में रहते हैं।