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जयपुर में वीरता के किस्से और ऐतिहासिक जगहों की कोई कमीं नहीं है... रॉयल गैटर की वास्तुकला के सबसे शानदार नमूना है...

जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों से कोई न कोई कहानी जुड़ी है। जयपुर में सदियों पुरानी वीरता के किस्से और ऐतिहासिक जगहों की कोई कमीं नहीं है। पर्यटकों की सूची में घूमने के लिए जयपुर सबसे ऊपर रहता है। रॉयल गैटर जयपुर वास्तुकला के सबसे शानदार नमूनों में से एक है।

जयपुर में  वीरता के किस्से और ऐतिहासिक जगहों की कोई कमीं नहीं है... रॉयल गैटर  की वास्तुकला के सबसे शानदार नमूना है...

जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों से कोई न कोई कहानी जुड़ी है। जयपुर में सदियों पुरानी वीरता के किस्से और ऐतिहासिक जगहों की कोई कमीं नहीं है। पर्यटकों की सूची में घूमने के लिए जयपुर सबसे ऊपर रहता है। रॉयल गैटर जयपुर वास्तुकला के सबसे शानदार नमूनों में से एक है।

जयपुर के शाही परिवारों का समाधि स्थल का स्थान रॉयल गैटोर, नाहरगढ़ किले की तलहटी पर स्थित है और यह शहर के बीच से कुछ दूरी पर है। इस स्थान में तीन खंड शामिल हैं जिनमें सबसे पुराना खंड प्रवेश द्वार से सबसे दूर है। इस किले में जयपुर के महाराजा माधो सिंह द्वितीय, महाराजा जय सिंह द्वितीय और प्रताप सिंह जैसे पूर्व शासकों के स्मारक है। यह पिंक सिटी का एक कम प्रसिद्ध आकर्षण है। गेटोर में खूबूसरत गुंबद और नक्काशीदार खंम्भो के जरिए संगमरमर का बड़ा ही सुंदरता से उपयोग किया गया है। यहां से शहर के क्षितिज और आलीशान जल महल का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। रॉयल गैटोर जयपुर की सड़कों की हलचल से दूर बेहद शांति में स्थित है।

हवा महल के बाद आप शहर के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रॉयल गैटोर की सैर कर सकते है। यह स्थल दरअसल शाही परिवारों के समाधि स्थल के रूप में जाना जाता है। जो शहर के नाहरगढ़ किले से के निचले भाग पर बना है। शहर के मध्य भाग के यहां तक की दूरी काफी कम है। इस स्थान पर महाराजा माधो सिंह द्वितीय, प्रताप सिंह और महाराजा जय सिंह के स्मृति चिह्न भी बने हुए हैं। यह जयपुर के चुनिंदा खास देखे जाने वाले स्थलों में गिना जाता है। जिसके निर्माण में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।