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Udaipur News: कभी गर्ल्स हॉस्टल तो कभी लोगों के बेडरूम में पहुंच जाता है यह खतरनाक जानवर, जानें क्या है यह पूरा मामला

जहां तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई। वहीं, दो अन्य महिलाएं घायल हुई हैं।

Udaipur News: कभी गर्ल्स हॉस्टल तो कभी लोगों के बेडरूम में पहुंच जाता है यह खतरनाक जानवर, जानें क्या है यह पूरा मामला

राजस्थान के उदयपुर में रोजाना तेंदुए के हमले की खबरें सामने आ रही हैं। दिनदहाड़े तेंदुए के हमले और शहर में उसके बेखौफ घूमने से यहां लोगों के दिलों में काफी खौफ बैठ गया है। उदयपुर में तेंदुए का इतना आतंक है कि वह कभी लोगों के बेडरूम में तो कभी गर्ल्स हॉस्टल में घंटों बेखौफ घूमता रहता है।

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ताजा मामला भी यहीं से आया है, जहां तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई। वहीं, दो अन्य महिलाएं घायल हुई हैं। राजस्थान के उदयपुर जिले में शनिवार को तेंदुए के हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य महिलाएं घायल हो गईं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं झाड़ोल में पहाड़ी क्षेत्र के पास लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं, जहां तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुआ महिला को डेढ़ किलोमीटर तक घसीटता हुआ ले गया, जिससे महिला की मौत हो गई। तेंदुए ने सिर को धड़ से अलग कर दिया। महिलाएं झाड़ोल के पहाड़ी क्षेत्र के पास लकड़ियां इकट्ठा करने गई थीं।

अक्सर लोग तेंदुए के हमले का हो रहे शिकार 

इस दौरान तेंदुए ने महिला का इस तरह शिकार किया कि महिला का धड़ सिर से अलग हो गया। तेंदुए के हमले में मारी गई महिला का नाम मीरा है, उसकी उम्र करीब 40 साल थी। जबकि उसके साथ मौजूद दो महिलाएं भी इस हमले में घायल हो गईं। स्थानीय लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो वे गुस्से से भर गए। उनका गुस्सा जायज भी है, क्योंकि यहां अक्सर लोग तेंदुए के हमले का शिकार होते रहते हैं। जानकारी मिलते ही ये लोग पहाड़ियों के पास हाईवे पर जमा हो गए।

घटना के विरोध में उन्होंने उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे जाम कर दिया। और तेंदुए को गोली मारने और आर्थिक मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार उदयपुर जिले के झाड़ोल में बार-बार तेंदुए के हमलों से ग्रामीण नाराज हैं। उनका आरोप है कि अधिकारी इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे हैं। इससे पहले भी यहां के ग्रामीण इस तरह के हादसों का शिकार हो चुके हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। झाड़ोल एसडीएम, डिप्टी, डीएफओ ने ग्रामीणों को समझाया, जिसके बाद आर्थिक सहायता के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।