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राजस्थान के सुंदर सिंह गुर्जर ने नहीं मानी हार, एक्सीडेंट के बाद भी स्पोर्ट्स में ही बनाया करियर

सुन्दर सिंह गुर्जर साल 2015 में जब सुंदर अपने दोस्त के घर पर काम कर रहे थे। तब उनके बाएं हाथ पर एक भारी चादर गिर गई। जिसकी वजह से उनका बायां हाथ क्षतिग्रस्त हो गया था। दुर्घटना से उबरते ही सुंदर ने पैरा स्पोर्ट्स की प्रैक्टिस शुरू कर दी। सुंदर ने कई जूनियर राष्ट्रीय कंप्टीटेशन में भाग लिया और जीते भी।

राजस्थान के सुंदर सिंह गुर्जर ने नहीं मानी हार, एक्सीडेंट के बाद भी स्पोर्ट्स में ही बनाया करियर
Sunder Singh Gurjar

राजस्थान के सुंदर सिंह गुर्जर ने अपने पिता और बड़े भाइयों की तरह कुश्ती में करियर बनाने के बारे में सोचा। लेकिन एक दुर्घटना की वजह से वो अपना सपना पूरा नहीं कर सके। लेकिन सुंदर में हर नहीं मानी, स्पोर्ट्स का जुनून था, तो इसे ही आगे बढ़ाया और देश के लिए मेडल जीते।

सुंदर सिंह गुर्जर ने जब बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

सुंदर सिंह गुर्जर का जन्म 1 जनवरी 1996 में राजस्थान के हिंडौन गांव के करौली जिला में हुआ था। सुंदर भाला फेंक, शॉट पुट और डिस्कस थ्रो श्रेणी के एक भारतीय एथलीट हैं। 26 मार्च साल 2016 में उन्हें हरियाणा के पंचकुला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में आयोजित 16वीं पैरालंपिक राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 68.42 मीटर स्कोर के वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। हालांकि उस रिकॉर्ड थ्रो की पुष्टि नहीं की गई क्योंकि इस आयोजन को विश्व निकाय द्वारा मान्यता नहीं दी गई थी। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया है।

2015 में जब गवाया हाथ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुन्दर सिंह गुर्जर के पिता और उनके बड़े भाई कई कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं। सुन्दर सिंह भी ऐसा ही करना चाहते थे। लेकिन साल 2015 में जब सुंदर अपने दोस्त के घर पर काम कर रहे थे। तब उनके बाएं हाथ पर एक भारी चादर गिर गई। जिसकी वजह से उनका बायां हाथ क्षतिग्रस्त हो गया था। दुर्घटना से उबरते ही सुंदर ने राजस्थान के हनुमानगढ़ के एक प्रशिक्षण केंद्र को ज्वाइन किया। जहां उन्होंने आरडी सिंह के साथ पैरा स्पोर्ट्स की प्रैक्टिस शुरू कर दी। सुंदर ने कई जूनियर राष्ट्रीय कंप्टीटेशन में भाग लिया और जीते भी। उनके कोच ने ही उन्हें भाला फेंक और शॉट पुट के लिए प्रेरित किया।

बनाए रिकॉर्ड अब वन विभाग में अफसर भी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2012 में उन्होंने भाला फेंक खेलना शुरू किया था। जिसके तीन साल बाद ये घटना हुई। सुंदर पढ़ाई में अच्छे नहीं थे। उन्होंने खुद ही पीटी सर से भी आग्रह करके खेलों में शामिल हो गए थे। पीटी टीचर ने उन्हें स्पोर्ट्स में जाने की सलाह दी। साल 2016 में दुबई में आयोजित 8वें फ़ैज़ा आईपीसी एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने अपने साथी ऋषि कांत शर्मा के साथ 59.36 मीटर स्कोर दर्ज किया।

सुंदर ने 24 अगस्त 2021 से 5 सितंबर 2021 के बीच नौ खेल स्पर्धाओं में 53 एथलीट के साथ वो तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, निशानेबाजी, तैराकी, पैरा-कैनोइंग, टेबल टेनिस और ताइक्वांडो शामिल हुए। मौजूदा समय में सुंदर सिंह गुर्जर वन विभाग में एक सहायक संरक्षक के पद पर कार्यरत हैं।