सीएम योगी ने झांसी हादसे की जांच के दिए निर्देश, 10 मासूमों की दर्दनाक मौत से मचा कोहराम
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। इस घटना ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। आग का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, जो शुक्रवार रात एनआईसीयू में लगी थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई है। इस दर्दनाक हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया हैं, जिसमें कई मासूमों की जान चली गई है। इस घटना के वीडियो में दिख रहा खौफनाक मंजर काफी डरावना है जिसको देखकर हर कोई उन मासूमों के बारे में सोचने को मजबूर हो गया है।
ये भी पढ़े-
सीएम योगी पंहुचे झांसी
इस घटना का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे, और शोक संवेदना जाहिर की और साथ ही पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी की।
बता दें कि यूपी सरकार ने मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। सीएम ने झांसी के संभागीय आयुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को इस घटना की रिपोर्ट 12 घंटे के अंदर सौंपने का निर्देश दिया है।
क्या है हादसे का कारण
इस हादसे के कारण पर भी काफी जोर दिया जा रहा है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने बताया कि नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात करीब पौने 11 बजे आग लग गई थी, इस हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग हो सकती है। इस घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है और इसमें घायल हुए 16 बच्चों का इलाज झांसी के मेडिकल कॉलेज के अन्य वार्ड में चल रहा है।
सरकार ने इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है और घायल नवजात बच्चों को इलाज मुहैया कराने का भी आदेश दिया है।
SSP ने घटना के बारे में बात की
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने इस मामले पर बात करते हुए बताया कि घटना के समय 52 से 54 बच्चे भर्ती थे और उनमें से 10 की मौत हो गई, 16 का इलाज जारी है जबकि अन्य के लिए सत्यापन जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि देर रात करीब एक बजे एनआईसीयू में बचाव अभियान पूरा हो गया था।
इस घटना पर सरकार के जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दे दिया है। लेकिन इस हादसे का मूल कारण अभी पता नहीं चल पाया है, मेडिकल अस्पताल में इस तरह की घटना ने मैनेजमेंट पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।