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योगी सरकार ने दो महीने के लिए डिजिटल हाजिरी पर लगाई रोक, समस्या का हल निकालेगी गठित कमेटी

UP Digital Attendance: यूपी में डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने की रोक लगा दी गई है। इस पूरे विवाद का सॉल्व करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के डिजिटल हाजिरी के मामले में ये कमेटी सभी पक्षों के साथ बैठक करेगी। 

योगी सरकार ने दो महीने के लिए डिजिटल हाजिरी पर लगाई रोक, समस्या का हल निकालेगी गठित कमेटी

UP Digital Attendance: उत्तर प्रदेश में डिजिटल हाजिरी के लगातार विरोध के बाद योगी सरकार ने इसपर फिलहाल दो महीने की रोक लगा दी है। डिजिटल हाजिरी लगाने का आदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया था। लेकिन शिक्षक संगठन की तरफ से लगातार इसका विरोध किया जा रहा था। सरकार की ओर से डिजिटल हाजिरी को शैक्षणिक गुणवत्ता से जोड़कर पेश दया था। लेकिन अब योगी सरकार ने यूपी शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी पर दो महीने के लिए रोक लगा दी है। साथ ही समस्या के हल होने तक ये रोक जारी रहेगी।

कमेठी दोनों पक्षों के बीच बात करके निकालेगी हल

मुख्य सचिव की ओर से डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। लेकिन इस पूरे विवाद का सॉल्व करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के डिजिटल हाजिरी के मामले में ये कमेटी सभी पक्षों के साथ बैठक करेगी। जिससे इस विवाद का हल निकालेगा। फैसलो पर रोक पीछे की वजह मानी जा रही है कि शिक्षकों की सहमति लेने और सभी पहलुओं पर विचार के बाद सरकार इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी।

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मुख्य सचिव ने खुद संभाली कमान

यूपी में शिक्षकों के लगातार प्रदर्शन के बाद माहौल को शांत करने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने खुद संभाली। उन्होंने शिक्षक संगठनों के नेताओं के साथ मुलाकात की। इसमें सरकार की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। मुख्य सचिव ने शिक्षक संघ को आश्वासन दिया कि उनकी स्थिति को जानने के बाद ही डिजिटल अटेंडेंस के आदेश को प्रभावी बनाया जाएगा। मुख्य सचिव ने शिक्षक संघ को साफ किया कि एक कमेटी बनाकर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। कमिटी को दो माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।

राजनैतिक दल भी कर रहे थे सरकार पर हमला!

योगी सरकार के डिजिटल अटेंडेंस के फैसले के कारण विवाद गहरा गया था। जिसके बाद राजनीतिक दलों की ओर से भी इस मामले में लगातार योगी सरकार को घेरा जा रहा था। जिसके बाद मंत्री राकेश सचान ने कहा कि टीचर स्कूलों में पढ़ाते नहीं हैं। वो स्कूल से गायब रहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि इस प्रकार के विरोध की क्या वजह हो सकती है? उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता को इस संबंध में बयान नहीं देना चाहिए। उनका समर्थन नहीं करना चाहिए।