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आरबीआई ने चार महीने में खरीदा 24 टन सोना, पिछले साल के आंकड़ों के मुकाबले 1.5 गुना

देश दुनिया में एक तरफ सोने के भाव दिन दोगुने और रात चौगुने बढ़ रहे हैं और दूसरी ओर भारत समेत तमाम बड़े देश अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने में जुटे हैं. आखिर क्या कारण है

आरबीआई ने चार महीने में खरीदा 24 टन सोना, पिछले साल के आंकड़ों के मुकाबले 1.5 गुना

देश दुनिया में एक तरफ सोने के भाव दिन दोगुने और रात चौगुने बढ़ रहे हैं और दूसरी ओर भारत समेत तमाम बड़े देश अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने में जुटे हैं. आखिर क्या कारण है, जो दुनियाभर के साथ साथ भारत मंहगे दामों पर सोने को खरीद रहा है. क्या दुनिया में कुछ बड़ा उलटफेर होने वाला है. सोने के भंड़ारण को बढ़ाने की ये रेस क्या किसी बड़े वैश्विक संकट का संकेत है. बढ़े हुए भाव पर सोना खरीदने का कारण क्या है....... आइए आपको बताते हैं

दुनिया के देशों में सोना जमा करने की रेस
एक वक्त था जब सोने को लेकर महिलाओं का आकर्षण सबसे अधिक होता था. लेकिन, अब हालात बदल गए हैं. दुनियाभर के केंद्रीय बैंक गोल्ड को लेकर दीवानगी के मामले में महिलाओं को भी पीछे छोड़ रहे हैं. दरअसल, भू-राजनीतिक तनाव के साथ महंगाई और मंदी जैसे खतरों की वजह से सोना केंद्रीय बैंकों की आंख का तारा बन गया है. दुनिया के तमाम बड़े देशों समेत भारत भी लगातार ऊंचे भाव पर सोने खरीद रहा है और अपने गोल्ड स्टॉक को मजबूत कर रहा है. जहां एक ओर भारत में सोने के दाम 1 लाख के करीब पहुंच रहे हैं, ऐसे में भारत लगतार सोना क्यों खरीद रहा है यह बड़ा सवाल है.

RBI के गोल्ड रिजर्व में कितना सोना?
सोने की कीमत में हाल में काफी तेजी देखने को मिली है और यह रोज-रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. इसकी एक वजह यह है कि दुनियाभर के सेंट्रल बैंक सोने की जमकर खरीद कर रहे हैं. भारत ने इस साल जनवरी से अप्रैल तक चार महीनों में अपने भंडार में 24 टन सोना जोड़ा है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक उसने इस साल के पहले चार महीनों में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब लगभग डेढ़ गुना सोना खरीदा है. बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 तक आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के रूप में 827.69 टन सोना था, जो दिसंबर 2023 के अंत तक 803.6 टन था.

भारतीय रिज़र्व बैंक की गोल्ड होल्डिंग्स 

साल              गोल्ड रिजर्व (टन में)
दिसंबर 2020     676.7
दिसंबर 2021     754.1
दिसंबर 2022     867.4
दिसंबर 2023     803.6
अप्रैल 2024      827.7

कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 में 7.75% से बढ़कर अप्रैल 2024 में लगभग 8.7% हो गई.

सोना खरीदने की दुनिया में होड़ माची है. यह ऐसी कीमती धातु है जो मुसीबत में बड़े काम आती है. जब भी दुनिया में जियो-पॉलिटिकल तनाव बढ़ता है और शेयर बाजार में गिरावट आती है. तो निवेशक सोने की ओर भागते हैं. सिर्फ लोग ही नहीं बल्कि सरकारें भी गोल्ड खरीदने लगती है. ऐसा ही कुछ इस वक्त दुनिया में देखने को मिल रहा है. सभी देश सोने के भंडार को बढ़ा रहे हैं. लगातार आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए सोने की डिमांड बढ़ गई है. इसके कारण ही घरेलू मार्केट में भी सोने के भाव आसमान को छू रहे हैं. ऐसे में जनवरी 2024 तक के टॉप 10 देशों के स्वर्ण भंडार पर नजर डाल लेते हैं.

शीर्ष 10 देशों का गोल्ड रिजर्व 

क्र. सं.       देश                         गोल्ड रिजर्व  (टन में)
         
1.         अमेरिका                            81,336.46
2.         जर्मनी                              3,352.65
3.         इटली                               2,451.84
4.         फ्रांस                                2,436.88
5.         रूस                                 2,332.74
6.         चीन                                 2,191.53
7.         स्विट्जरलैंड                           1,040.00 
8.         जापान                               845.97 
9.         भारत                                800.78 
10.       नीदरलैंड                              612.45

रिजर्व बैंक क्यों खरीद रहा गोल्ड?

दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपने वित्तीय संसाधनों में व‍िव‍िधता लाने के मकसद से सोना खरीद रहा है. दुनियाभर में कारोबार अमेरिकी डॉलर में होता है. ऐसे में अगर डॉलर कमजोर होता है. तो आरबीआई के पास मौजूद डॉलर की कीमत भी कम हो जाती है. लेकिन सोना की कीमतें डॉलर से अलग चलती है. इसलिए गोल्ड में इन्वेस्टमेंट आरबीआई के लिए ‘सुरक्षित निवेश’ है. साथ ही कोरोना के बाद वैश्विक परिस्थितियां तेजी से बदली हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ इजरायल का अरब देशों से तनाव ने संकट को और ज्यादा बढ़ा दिया है. इससे वैश्विक मंदी तक की आशंका जताई जाने लगी है. यही वजह है कि आरबीआई के साथ साथ दुनिया के केंद्रीय बैंक लगातार सोने की खरीद बढ़ा रहे हैं. ताकि किसी भी बड़े आर्थिक संकट का मुकाबला कर सकें.

सोने की खरीद, फायदे और कारण

गोल्ड रिजर्व देश को महंगाई से बचाता है.
सोने की खरीद डॉलर पर निर्भरता घटाने की कोशिश.
रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल का अरब देशों से तनाव.
दुनिया में जताई जा रही वैश्विक मंदी की आशंका.
बड़े आर्थिक संकट का मुकाबला करने में कारगर.

दुनिया में कुछ बड़ा होने के संकेत हैं. क्या दुनिया आर्थिक संकट के डर से जूझ रही है या ऐसा होने के आसार हैं. जिसकी तैयारी में सभी देश जुटे हुए हैं. हैरानी की बात है कि रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि गोल्ड की यह मात्रा 2023 में पूरे साल के दौरान खरीदे गए गोल्ड का लगभग डेढ़ गुना है. पिछले साल आरबीआई ने अपने गोल्ड रिजर्व में 16 टन सोना जोड़ा था. दुनिया में भारत, चीन के बाद सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. वैसे तो हर साल देश में बड़ी मात्रा में गोल्ड की खरीददारी होती हैं. लेकिन, यह पहली बार है जब आरबीआई अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने में इतना एक्टिव रहा है. इसका एक कारण यह भी हो सकता है की अमेरिका से भविष्य में रिश्तों में खटास के दौरान उसके प्रतिबंधों का तोड़ निकाला जा सके.