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आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी! 5 सालों के निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर, जानिए क्या-क्या हुआ सस्ता

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दर को 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी दी है। खुदरा महंगाई दर में नरमी के बाद आरबीआई की अगली पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती को लेकर फैसला लिया जा सकता है।

आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी! 5 सालों के निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर, जानिए क्या-क्या हुआ सस्ता

सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 3.54 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले पांच वर्षों में पहली बार रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत लक्ष्य से नीचे है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के कारण यह गिरावट आई है।

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जून और जुलाई ते आंकड़ों के बीच बड़ा अंतर

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर 3.54 प्रतिशत रह गई जो जून 2024 में 5.08 प्रतिशत और जुलाई 2023 में 7.44 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 5.42 प्रतिशत रही, जो जून में 9.36 प्रतिशत थी।

RBI द्वारा जारी किया गया मार्जिन

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दर को 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी दी है। खुदरा महंगाई दर में नरमी के बाद आरबीआई की अगली पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती को लेकर फैसला लिया जा सकता है। नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव करते समय केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई दर को जरूर ध्यान में रखता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि जुलाई में खुदरा महंगाई में कमी एक सकारात्मक संकेत है। लेकिन, यह कहना जल्दबाजी होगी कि महंगाई पूरी तरह से काबू में आ गई है।

औद्योगिक उत्पादन में बढ़त

अर्थव्यवस्था से जुड़ी दूसरी खबर औद्योगिक उत्पादन को लेकर है। खनन और बिजली क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से जून महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 4.2 फीसदी की वृद्धि हुई। पिछले साल जून में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 4 फीसदी रही थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि 2.6 फीसदी रही। एक साल पहले समान अवधि में यह 3.5 फीसदी थी।

समीक्षाधीन अवधि में खनन क्षेत्र में 10.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। बिजली क्षेत्र में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून अवधि में देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही। यह पिछले साल की समान तिमाही के 4.7 प्रतिशत से अधिक है।