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'कल्कि 2898 AD' रिव्यू: माइथोलॉजी, विजुअल्स और इमोशंस से खड़े होंगे रोंगटे, क्लाइमेक्स देख थम जाएंगी सांसें

'Kalki 2898 AD' Review: फिल्म के नाम से ही भावनाएं जुड़ी हैं, तो पूरी फिल्म में जब हर पल आपको पौराणिक कथाओं और उस पर डायरेक्टर की सोच और जीवंत म्यूजिक का समावेश मिल जाता है, तो डायरेक्टर, एक्टर और पर्दे के पीछे से की गई मेहनत के लिए सम्मान बढ़ जाता है। 

Kalki 2898 AD Review: अगर आप फिल्म कल्कि 2898 AD का ये रिव्यू पढ़ रहे हैं, तो मतलब साफ है आप फिल्म को लेकर एक्साइटेड हैं या फिर आपने वायरल होने के शौकीन मनचलों द्वारा पोस्ट किए वीडियो देखें हैं। फिल्म कल्कि 2898 AD को, प्रभास, दीपिका पादुकोण, कमल हसन, महानायक अमिताभ बच्चन और कई सुपरस्टार स्टारर फिल्म कहकर परिचित करना, फिल्म के विषय के साथ गलत होगा। ये इन दिग्गज अभिनेताओं का अपमान करने का प्रयास नहीं है, लेकिन फिल्म का परिचय अभिनेताओं से करना, उस विषय से ऊपर भी नहीं है, जो बरसों से हम सब की कथाओं का हिस्सा है। इसे डायरेक्टर नाग अश्विन पर्दे पर लेकर आए हैं।

जाहिर है फिल्म के नाम से ही भावनाएं जुड़ी हैं, तो पूरी फिल्म में जब हर पल आपको पौराणिक कथाओं और उस पर डायरेक्टर की सोच और जीवंत म्यूजिक का समावेश मिल जाता है, तो डायरेक्टर, एक्टर और पर्दे के पीछे से की गई मेहनत के लिए सम्मान बढ़ जाता है। हालांकि यहां पर ये कहना भी जरुरी है कि प्रोड्यूसर द्वारा फिल्म निर्माण का उद्देश्य मुनाफा ही भले होता है, लेकिन कल्कि 2898 AD से विश्व सिनेमा के सामने एडिटिंग, राइटिंग, कॉन्सेप्ट, म्यूजिक, एक्टिंग, क्रॉफ्ट, रिसर्च, वीएफएक्स और डायरेक्शन से भारतीय सिनेमा का कद काफी बढ़ाने वाला है।  

कैसा है कल्कि का फर्स्ट हाफ

'कल्कि 2898 AD’ के पहले फ्रेम से डायरेक्टर नाग अश्विन ने एक दिलचस्प संसार रचा है। डिस्टोपियन वर्ल्ड की सेटिंग में काशी के डिटेल्स, सारे रिसोर्स से भरपूर कॉम्प्लेक्स का हाईटेक संसार इंटरेस्टिंग लगता है। प्रभास का किरदार भैरव, हर रोज सर्वाइवल की जंग लड़ रहे लोगों के बीच, वैसी ही सोच वाले इंटरेस्टिंग किरदार है। उनका बाउंटी हंटर पर्सोना इंटरेस्टिंग तो है, लेकिन उसकी कॉमेडी थोड़ी ओवर द टॉप लगती है। भैरव की एंट्री, काशी में उसकी लाइफ बहुत रेगुलर लगती है। ये पोर्शन प्रभास फैन्स को तो बहुत भाएगा, लेकिन बाकियों को थोड़ा खिंचा हुआ लग सकता है। मगर इंटरवल की तरफ आते हुए समझ आता है कि नाग अश्विन असल में अपने हीरो, और कहानी को सेट करने के लिए पहले केयरलेस माहौल बनाते हैं।

साइंस-फिक्शन वाले संसार में मायथोलॉजी के एंगल के साथ कमल हासन यानी सुप्रीम यास्किन के आते ही माहौल बदलने लगेगा और आप चेयर पर सीधे बैठने लगेंगे। इंटरवल से ठीक पहले अमिताभ बच्चन की एंट्री होती है। फ़िल्म का माइथोलॉजिकल एंगल यहां पर पीक होता है और कहानी का रहस्य पूरा गहरा चुका है। इसके साथ दीपिका की प्रेग्नेंसी का एंगल भरपुर इमोशन के साथ एक ऐसा प्लेटफॉर्म सेट कर चुका है, जिसपर सेट कहानी जानने की एक्साइटमेन्ट बहुत तगड़ी महसूस होती है। 

क्लाईमैक्स कर देगा बेता

कल्कि 2898’ में आपकी एंट्री काशी से होती है, लेकिन इंटरवल के बाद एक और नया संसार कहानी में आता है- शम्बाला। ये बाकी दुनिया से छिपाकर रखी गई एक जगह है, यहां वो लोग हैं जो तबाह होने जा रही दुनिया के आखिरी छोर पर एक उम्मीद के सहारे जिंदा हैं। सेकंड हाफ में पता चलता है कि कॉम्प्लेक्स से बचकर भाग निकली सुमति पर बाउंटी है, जिसके लिए भैरव उसे पकड़ना चाहता है। कॉम्प्लेक्स के लिए सुमति एक बहुमूल्य एक्सपरिमेंट है और अश्वत्थामा के लिए अगले अवतार की मां, इसलिए वो हमेशा सुमति की रक्षा में तैयार है। नाग अश्विन के मॉडर्न सिनेमा टेक्नीक से जेनरेटेड विजुअल्स के जरिए माइथोलॉजी को जिस तरह डेवलप किया है, उसके लिए तारीफ बनती है। ‘कल्कि 2898 AD’ मिस न करने वाली फिल्म है।