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मौत का पहले हो गया था आभास ? यूं बीते थे Sidhu Moosewala के आखिरी चार दिन !

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के दो साल बाद, अभी भी कई ऐसे पहलू हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते। जानिए मूसेवाला की हत्या की योजना कैसे बनी, कैसे शूटरों ने उन्हें निशाना बनाया, और कैसे हत्या के बाद जश्न मनाया गया।

मौत का पहले हो गया था आभास ? यूं बीते थे Sidhu Moosewala के आखिरी चार दिन !

एक कलाकार चाहे दुनिया छोड़ भी दे, लेकिन उनका हुनर उनकी विरासत बनकर हमेशा जिंदा रहता है। आज से दो साल पहले, मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भले ही उनका शरीर अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन  निधन के बाद भी आज फैंस उनक आवाज के दीवाने हैं। बेहद कम उम्र में दुनिया को अलविदा कहना फैंस के साथ परिवारवालों के लिए सदमे से कम नहीं है। मूसेवाला की मौत के कई पहली हैं। जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। जानते हैं, सिद्दधू मूसेवाला के आखिर दिनों से जुड़ी कुछ बातों के बारे में।

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मूसेवाला के फैंस के लिए 29 मई बना काला दिन

29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी। हालांकि, इससे पहले भी उन्हें मारने की कोशिशें हुई थीं। 27 मई 2022 को मानसा के बाजार में उनकी गाड़ियों का पीछा किया गया था, लेकिन रास्ता भटक जाने के कारण अपराधी अपने इरादों में सफल नहीं हो पाए थे।

मूसेवाला पर हर पल नजर थी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विदेश में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के आदमी मूसेवाला की कोठी के बाहर तैनात रहते थे और उनकी हर गतिविधि की खबर गोल्डी को देते थे। हत्या के बाद सभी आरोपी आसानी से पंजाब से हरियाणा के फतेहाबाद तक पहुँच गए और एक ट्रक में छुपकर गुजरात चले गए।

40 हजार रुपये में गाड़ी ठीक करवाई गई थी

पुलिस जांच में पता चला कि जिस बोलेरो गाड़ी का इस्तेमाल इस घटना में हुआ, वह बीच में खराब हो गई थी। शूटर मनप्रीत और जगरूप ने इसे एक वर्कशॉप पर ठीक करवाया था। इस काम के लिए गोल्डी ने 40 हजार रुपये भेजे थे।

27 मई को बनी थी हत्या की योजना
27 मई को ही मनप्रीत, जगरूप, फौजी और अंकित ने मूसेवाला की हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन रास्ते में सभी एक-दूसरे से बिछड़ गए, जिसके कारण उस दिन हत्या नहीं हो पाई। इसके बाद आरोपी फतेहाबाद चले गए और दीपक मुंडी और निक्कू अपने कमरे में लौट गए।

हत्या के बाद मनाया गया जश्न
पुलिस ने जांच में पाया कि हत्या के बाद आरोपी फतेहाबाद के साबरिया होटल में पहुंचे, जहाँ उन्होंने जश्न मनाया। इसी दौरान, जब फौजी और कशिश अपने हथियार देख रहे थे, तो गलती से एक गोली चल गई थी।