कौन था सलमान का 'आरोपी' अनुज थापन, जिसने पुलिस कस्टडी में की आत्महत्या
आरोपी अनुज थापन ने टॉयलेट में चादर के टुकड़े से आत्महत्या की। आरोपी थापन को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे जीटी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जिसके बाद अब कस्टडी में हुई मौत की जांच स्टेट CID को दी जाएगी।
बॉलीवुड के दंबग सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग के मामल में एक नई खबर सामने आ रही है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक अनुज थापन ने पुलिस कस्टडी के अंदर आत्महत्या की कोशिश की, जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां पर उसकी मौत हो गई।
दरअसल, आरोपी अनुज थापन ने टॉयलेट में चादर के टुकड़े से आत्महत्या की। आरोपी थापन को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे जीटी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जिसके बाद अब कस्टडी में हुई मौत की जांच स्टेट CID को दी जाएगी। अनुज थापन को पुलिस ने कैसे पकड़ा, आइए आपको बताते हैं....
कौन था अनुज थापन?
पंजाब के फाजिल्का जिले के सुखचैन गांव का रहने वाला था। 32 साल का अनुज थापन ट्रक के हेल्पर के तौर पर काम करता है। बताया जा रहा है कि थापन लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में था। अनुज थापन पर वसूली और आर्म्स एक्ट मामले दर्ज भी था।
पुलिस ने किया था गिरफ्तार
सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग के मामले में, हफ्तेभर पहले पुलिस ने जांच करते हुए दो आरोपियों को पंजाब से गिरफ्तार किया था। ये दो आरोपी 37 वर्षीय सोनू सुभाष चंद्र और 32 साल के अनुज थापन थे।
हथियारों की सप्लाई के लिए हुआ था गिरफ्तार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अनुज लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में था, वो ट्रक हेल्पर के तौर पर काम करता है। मुंबई की क्राइम ब्रांच ने सूरत की तापी नदी से एक पिस्टल और कुछ जिंदा कारतूस बरामद किए थे। ब्रांच की तरफ ये दावा किया गया था कि ये वही हथियार थे, जिसका इस्तेमाल 14 अप्रैल को सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग के लिए किया गया। पुलिस के मुताबिक, इन हथियारों की सप्लाई अनुज और सुभाष ने की थी।
इस हमले की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने ली थी। वायरल हुई सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया था कि हम अमन चाहते हैं, जुल्म के खिलाफ फैसला अगर जंग से हो तो जंग ही सही। सलमान खान हमने यह तुम्हें ट्रेलर दिखाने के लिए किया है, ताकि तुम समझ जाओ हमारी ताकत को और मत परखो। यह पहली और आखरी वॉर्निंग है, इसके बाद गोलियां खाली घर पर नहीं चलेंगी।