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भारत में मंकीपॉक्स वायरस के सबसे खतरनाक स्ट्रेन, जानिए इससे कितना खतरा...

विशेषज्ञ इस स्ट्रेन को सबसे ज्यादा संक्रामक और खतरनाक बता रहे हैं। इस खतरनाक स्ट्रेन का पहला मामला केरल में सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह वायरस काफी तेजी से फैलता है

भारत में मंकीपॉक्स वायरस के सबसे खतरनाक स्ट्रेन, जानिए इससे कितना खतरा...

देश में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला 9 सितंबर को सामने आया था। बाहर से आए एक व्यक्ति में हल्के लक्षण दिखने के बाद उसे दिल्ली के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसके मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। देश में पहले भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन तब मंकीपॉक्स वायरस का स्ट्रेन क्लेड 2 मिला था जो ज्यादा खतरनाक नहीं था, लेकिन अब देश में जो मामला सामने आया है उसमें मंकीपॉक्स वायरस का सबसे खतरनाक स्ट्रेन क्लेड 1बी मिला है।

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विशेषज्ञ इस स्ट्रेन को सबसे ज्यादा संक्रामक और खतरनाक बता रहे हैं। इस खतरनाक स्ट्रेन का पहला मामला केरल में सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह वायरस काफी तेजी से फैलता है और मध्य पूर्वी देशों में यह कुछ ही दिनों में करीब 17 देशों में फैल चुका है। इसकी संक्रामकता को देखते हुए WHO ने इसे स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इस मामले की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और हर संभव एहतियात बरती जा रही है। फिलहाल व्यक्ति को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसका इलाज चल रहा है। इस व्यक्ति के संपर्क में आए हर व्यक्ति की ट्रेसिंग और टेस्टिंग की जा रही है ताकि इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह स्ट्रेन अन्य स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक हो सकता है और यह कितना संक्रामक है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। इसके लक्षण कोविड जैसे ही दिखते हैं जिसमें व्यक्ति को सबसे पहले बुखार, खांसी, सिरदर्द, उल्टी, जी मिचलाने की शिकायत होती है, जिसके बाद मरीज के शरीर पर पानी जैसे चकत्ते दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में इसे मौसमी फ्लू समझकर लापरवाही न बरतें। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है, इसके साथ ही मरीज को थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है। लक्षण गंभीर होने पर मलाशय में सूजन के साथ पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को समय रहते अस्पताल में भर्ती कराना बेहद जरूरी है।

कैसे फैलता है यह वायरस?

यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के घाव और चकत्ते से रिसने वाले द्रव से फैलता है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गई चीजों का इस्तेमाल करने से इसके फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को न छुएं और पूरी सावधानी बरतें।

कितना खतरनाक है यह स्ट्रेन?

देश में पाया जाने वाला स्ट्रेन क्लेड 1बी पहले मिले स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक है।

यह स्ट्रेन त्वचा के साथ श्वसन तंत्र पर भी हमला करता है, इस स्ट्रेन से मरीज को निमोनिया जैसी बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है।

इस स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर 10 फीसदी तक पहुंच गई है, जो काफी चिंताजनक है। ऐसे में इस स्ट्रेन से बचाव ही बेहतर है।