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इन बीमारियों से भी याददाश्त जानें का हो सकता है खतरा, ऐसे पड़ता है असर..

विशेषज्ञों का कहना है कि याददाश्त से जुड़ी बीमारियाँ ज़रूरी नहीं कि अल्जाइमर की वजह से ही हों। किडनी, लीवर और थायरॉइड की बीमारी की वजह से भी याददाश्त कमज़ोर हो सकती है।

इन बीमारियों से भी याददाश्त जानें का हो सकता है खतरा, ऐसे पड़ता है असर..

आमतौर पर माना जाता है कि अल्जाइमर रोग के कारण याददाश्त कमजोर हो जाती है। लेकिन यह सच नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि लीवर और किडनी में कोई खराबी भी याददाश्त कमज़ोर होने का कारण बन सकती है। हालांकि अल्जाइमर रोग में यह जोखिम ज़्यादा होता है, लेकिन लीवर और किडनी जैसे अंगों में खराबी का सीधा असर दिमाग पर भी पड़ सकता है। लेकिन ऐसा कैसे होता है? इस बारे में विशेषज्ञों ने बताया है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि याददाश्त से जुड़ी बीमारियाँ ज़रूरी नहीं कि अल्जाइमर की वजह से ही हों। किडनी, लीवर और थायरॉइड की बीमारी की वजह से भी याददाश्त कमज़ोर हो सकती है। इसके अलावा किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट, विटामिन बी12 की कमी या दिमाग में खून का थक्का जमने की वजह से भी याददाश्त कमज़ोर हो सकती है। ऐसे में इन बीमारियों पर बहुत ध्यान देने की ज़रूरत होती है।

याददाश्त कैसे प्रभावित होती है?

गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. हिमांशु चंपानेरी बताते हैं कि अल्जाइमर रोग याददाश्त को प्रभावित करता है। आमतौर पर यह समस्या बुढ़ापे में होती है, लेकिन अगर किसी को लीवर, किडनी और थायरॉइड की गंभीर बीमारी है, तो इसका असर याददाश्त पर भी पड़ता है। कुछ मामलों में ये बीमारियाँ याददाश्त कमज़ोर होने का कारण बन सकती हैं। इन बीमारियों का दिमाग पर कुछ न कुछ असर पड़ता है। इससे दिमाग की कार्यप्रणाली बदल जाती है, जिससे याददाश्त प्रभावित हो सकती है।

डॉ. हिमांशु कहते हैं कि चिकित्सा विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, लेकिन अल्जाइमर रोग अभी भी आधुनिक चिकित्सा के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। गुरुग्राम के मारिंगो एशिया अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. कपिल अग्रवाल बताते हैं कि अल्जाइमर चुनौतीपूर्ण न्यूरोडीजेनेरेटिव समस्याओं में से एक है। इससे मरीज की याददाश्त प्रभावित होती है, समय रहते निदान से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

हर पांच सेकंड में एक मामला सामने आता है

डॉ. हिमांशु कहते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वैश्विक स्तर पर हर पांच सेकंड में अल्जाइमर का एक नया मामला सामने आता है। दुनिया भर में इस बीमारी के 40 मिलियन से अधिक मरीज हैं। इनमें से करीब 60% मरीज 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। कुछ मामलों में अल्जाइमर के कारण सिर्फ याददाश्त ही प्रभावित नहीं होती। लिवर और किडनी की बीमारी भी हो जाती है। ऐसे में इन अंगों में किसी भी तरह की खराबी को हल्के में नहीं लेना चाहिए।