जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर बहुत बड़ा प्रहार, आतंकवादियों के मददगारों पर नकेल
इन पुलिसकर्मियों और एक शिक्षक पर नार्को-आतंकवाद में शामिल होने और घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की सहायता करने का भी आरोप है।
जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने कहा कि आतंकी फंडिंग पर कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को नार्को-टेरर लिंक के आरोप में 5 पुलिसकर्मियों सहित छह अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया।
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आतंकवादियों की सहायता करने का आरोप
इन पुलिसकर्मियों और एक शिक्षक पर नार्को-आतंकवाद में शामिल होने और घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की सहायता करने का भी आरोप है। बर्खास्त कर्मचारी हैं- फारूक अहमद शेख (हेड कांस्टेबल), खालिद हुसैन शाह (कांस्टेबल), रहमत शाह (कांस्टेबल), इरशाद अहमद चालकू (कांस्टेबल), सैफ दीन (कांस्टेबल) और नज़म दीन (शिक्षक)।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन ने गहन जांच के बाद इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) का इस्तेमाल किया। क्योंकि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा चलाए जा रहे नार्को-टेरर नेटवर्क में उनकी संलिप्तता सामने आई थी। आईएसआई और पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकवादी संगठन से जुड़े हैं।
एक महीने के भीतर आठ कर्मचारी बर्खास्त
सरकार ने नार्को-टेरर गतिविधियों के आरोप में एक महीने के भीतर आठ कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त किए गए अधिकांश कर्मचारी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास के इलाकों में तैनात थे।
इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के प्रतिकूल नोटिस में आ गई थीं, क्योंकि उन्होंने उन्हें राज्य के हितों के लिए हानिकारक गतिविधियों में मोटे तौर पर शामिल पाया था, जोकि आतंक से संबंधित गतिविधियों में उनकी भागीदारी का सबूत था।