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Baba Siddqui Murder: बाबा सिद्दीकी को Y कैटेगरी की सुरक्षा... 15 दिन पहले मिली धमकी, फिर हत्या

वाई श्रेणी की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) भी शामिल होते हैं।

Baba Siddqui Murder: बाबा सिद्दीकी को Y कैटेगरी की सुरक्षा... 15 दिन पहले मिली धमकी, फिर हत्या

महाराष्ट्र के मुंबई में हाल ही में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए बाबा सिद्दीकी की शनिवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीन हमलावरों ने उन पर तीन गोलियां चलाईं। उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उनकी मौत से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। दिलचस्प बात यह है कि उन्हें केंद्र सरकार की ओर से वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। इसके बावजूद उनकी हत्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

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आपको बता दें कि बाबा सिद्दीकी ने 15 दिन पहले बताया था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को बताया था। इसके बाद उन्हें केंद्र सरकार की ओर से Y कैटेगिरी की सुरक्षा दी गई थी। सिद्दीकी की मौत से सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उनके बेटे जीशान सिद्दीकी का बांद्रा ईस्ट में ऑफिस है। शुरुआती जानकारी यह है कि इस ऑफिस के बाहर तीन लोगों ने फायरिंग की। उन्हें दो से तीन गोलियां लगीं। शुरुआती जांच से पता चलता है कि यह हमला स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) प्रोजेक्ट को लेकर विवाद से जुड़ा हो सकता है। एसआरए मलिन बस्तियों की पहचान करने और झुग्गी पुनर्विकास कार्य शुरू करने की एक योजना है। प्राधिकरण भूमि खरीदने, परमिट जारी करने और झुग्गी पुनर्विकास कार्यक्रमों की प्रगति की निगरानी करने का काम करता है। अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं।

वाई श्रेणी की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) भी शामिल होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं होते, देश के गणमान्य व्यक्तियों और राजनेताओं को इनमें से एक सुरक्षा तब दी जाती है, जब उनकी जान को खतरा होता है।

वाई श्रेणी की सुरक्षा के बावजूद हुई हत्या

वाई श्रेणी की सुरक्षा मंत्रियों को दी जाने वाली सुरक्षा से अलग होती है। इसमें पहले सरकार को इसके लिए आवेदन करना होता है। इसके बाद सरकार खुफिया एजेंसियों के जरिए खतरे का आकलन करती है। खतरा पता चलने पर सुरक्षा दी जाती है।

बाबा सिद्दीकी का नाम बॉलीवुड में काफी मशहूर था। बॉलीवुड में अक्सर इफ्तार पार्टियां चर्चा में रहती थीं। बाबा सिद्दीकी ने इफ्तार पार्टी में शाहरुख खान और सलमान खान के बीच हुए झगड़े को सुलझाया था। इसके चलते उनकी काफी चर्चा हुई थी। बाबा सिद्दीकी ने मुंबई में पार्षद के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 1977 में वे कांग्रेस में शामिल हुए थे। बाबा सिद्दीकी 1999, 2004 और 2009 में तीन बार बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वे एक बार मंत्री भी रह चुके हैं। हाल ही में वे कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए हैं।