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Bharat Bandh on 21 August: क्यों हो रहा है देशव्यापी विरोध प्रदर्शन ? किसने इसका आह्वान किया? मकसद से लेकर सब कुछ बस एक

कई रिपोर्टों के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय, जिसमें कहा गया था कि, "जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए," ने राज्यों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समूहों के भीतर उपश्रेणियां स्थापित करने की अनुमति दी।

Bharat Bandh on 21 August: क्यों हो रहा है देशव्यापी विरोध प्रदर्शन ? किसने इसका आह्वान किया? मकसद से लेकर सब कुछ बस एक

एससी/एसटी आरक्षण पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 अगस्त, 2024 को "भारत बंद" के नाम से एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल होने वाली है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसका समर्थन मुख्य रूप से राजस्थान के एससी/एसटी समूहों द्वारा किया जा रहा है। 

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क्या है वजह ?
कई रिपोर्टों के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय, जिसमें कहा गया था कि, "जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए," ने राज्यों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समूहों के भीतर उपश्रेणियां स्थापित करने की अनुमति दी।

रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत बंद का प्राथमिक उद्देश्य आरक्षण पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देना और इसे पलटने की मांग करना है।

इस फैसले ने व्यापक बहस छेड़ दी है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठन भारत बंद को अपना समर्थन देंगे। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य अन्यायपूर्ण अदालती फैसले की ओर ध्यान आकर्षित करना है।

हड़ताल को देखते हुए प्रशासन कर रहा तैयारी
जयपुर में पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने हड़ताल का समर्थन करने वाले समूहों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। अधिकारी विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी संभावित टकराव या व्यवधान को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, यह भारत बंद हाल ही में भारत में हुए इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों के बाद आया है, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों पर हिंसा के खिलाफ देशव्यापी अस्पतालों की हड़ताल और बठिंडा में स्थानीय ट्रेड यूनियन का आंदोलन शामिल है, जिसने देश भर में सामाजिक-राजनीतिक तनाव को उजागर किया है।

आपातकालीन सेवाएं रहेंगी चालू

भारत बंद को विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस बंद का उद्देश्य आरक्षण पर आए फैसले का विरोध करना है। हालांकि ऐसे दिनों में सार्वजनिक परिवहन और निजी कार्यालय आमतौर पर बंद रहते हैं, लेकिन एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहती हैं।

पश्चिमी यूपी ज्यादा संवेदनशील
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, जिसके चलते अधिकारियों ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा है। अधिकारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान जनता की सुरक्षा के लिए व्यापक उपाय लागू कर रहे हैं।

क्या खुला रहेगा ?

• एम्बुलेंस सेवाएं, आपातकालीन सेवाएं, अस्पताल और चिकित्सा सेवाएं

• पुलिस सेवाएं सक्रिय रहेंगी

• आवश्यक दवाएं देने के लिए फार्मेसियां भी खुली रहेंगी।

• रिपोर्टों के अनुसार सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, बैंकों और कॉलेजों में कामकाज सामान्य रहेगा।