Haryana Election: . तो क्या हरियाणा के 'दंगल' में हुड़्डा हो गए किनारे, शैलजा के सिर सजेगा ताज़, पढ़ें Exclsuive रिपोर्ट
हरियाणा चुनाव के एग्जिट पोल में कांग्रेस की जीत का दावा किया जा रहा है, लेकिन CM कौन होगा? दीपेंद्र हुड्डा या कुमारी शैलजा? दोनों नेताओं के बयानों ने मुख्यमंत्री पद की दौड़ को दिलचस्प बना दिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में कांग्रेस सरकार बनाती नजर आ रही है। ज्यादातर आंकड़ों में दावा किया है कि इस बार प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को चुना है हालांकि मतगणना से पहले कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। सत्ता का ताज किसके सिर सजेगा ये तो 8 अक्टूबर को पता लगेगा लेकिन इसी बीच कांग्रेस में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर दबी जुबान से चर्चा तेज हो गई है। कोई दीपेंद्र हुड्डा का नाम ले रहा है तो कोई कुमारी शैलजा का। इस बात को हवा तब और हो मिल गई जब बीते दिन हरियाणा मतदान के बीच कुमारी शैलजा सालासर बालाजी महाराज के दरबार पहुंची। वहीं, एग्जिट पोल के बाद हुड्डा का बयान भी सामने आया है।
कौन बनेगा हरियाणा का मुख्यमंत्री
एग्जिट पोल ज्यादातर सच साबित होते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर हरियाणा का सीएम कौन बनेगा। एक तरफ दीपेंद्र हुड्डा है तो दूसरी ओर कुमारी शैलजा। हरियाणा में दोनों नेताओं का अपना तगड़ा फैन बेस है लेकिन चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के बीच पनपी नाराजगी जगजाहिर है। पूरे चुनाव में हुड्डा फ्रंट फुट पर खेलते नजर आए जबकि टिकट न मिलने से नाराज शैलजा आखिरी वक्त पर चुनावी प्रचार करने उतरीं। वहीं, जब मुख्यमंत्री पद का सवाल हुड्डा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनादेश के आधार पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के समर्थन से सीएम चुनती है। फैसला हाईकमान का होगा। ऐसे में कुछ भी कहना जल्दबाजी है। जबकि शैलजा ने कहा कि हम मेहनत पर विश्वास करते है। अपने काम को लेकर आश्वस्त है, शीर्ष नेता द्वारा लिया गया फैसला अंतिम होगा।
हुड्डा-शैलेजा में नाराजगी
गौरतलब है, चुनाव से पहले कुमारी शैलजा और दीपेंद्र हुड्डा आमने-सामने थे। यहां तक शैलजा 15 दिनों तक दिल्ली में रही थी। इसी बीच बीजेपी ने जोरों-शोरों से ये मुद्दा उछाला। किरकरी होने होने पर कांग्रेस आलाकमान बैकफुट पर आए और चु्नाव प्रचार से दूर रहने वाले राहुल गांधी शैलजा खेमे के प्रत्याशी का प्रचार करने पहुंचे। ठीक दो दिन बाद प्रियंका गांधी भी हरियाणा पहुंची और शैलजा और हुड्डा के साथ मंच साझा किया। इतना ही नहीं, मंच पर दोनों ने हाथ भी मिलाया। जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। हालांकि, इस प्रयास के बाद भी दोनों की दूरियां कम होते नजर नहीं आई। शैलजा ने हुड्ड खेमे के किसी प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं किया और न हुड्डा ने शैलजा समर्थकों के पक्ष में रैली की। पोस्टर में भी दोनों एक साथ नहीं दिखे। फोटो थी तो केवल आलाकमान के साथ। बीते दिनों कुमारी शैलजा का बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री का चयन पार्टी प्रमुख करेंगे हालांकि मुझे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में ये तो तय है कि कुमारी शैलजा सीएम पद के ख्वाब देख रही हैं पर ये कितने सच होते हैं ये कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।