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हाथ में AK-47 लेकर कैदियों के पीछे दौड़ता था ये IPS, माफिया भी कांपते थे थर-थर, अब कोलकाता केस में मिला ये कनेक्शन

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंप दी गई है।

हाथ में AK-47 लेकर कैदियों के पीछे दौड़ता था ये IPS, माफिया भी कांपते थे थर-थर, अब कोलकाता केस में मिला ये कनेक्शन

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। राज्य सरकार ने प्रिंसिपल और सुपरिंटेंडेंट को हटा दिया है। इस मामले में 2 असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर समेत 3 अफसरों को सस्पेंड किया गया है।

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इतना ही नहीं भीड़ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ भी की थी। इधर, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंप दी गई है। कोर्ट के निर्देश के बाद सीआईएसएफ के अधिकारी अस्पताल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सीआईएसएफ के एडीजी कुंदन कृष्णन ने पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य सचिव से भी मुलाकात की। जिसके बाद एडीजी कुंदन कृष्णन काफी चर्चाओं में हैं। आइए आपको बताते हैं कि सीआईएसएफ के एडीजी कुंदन कृष्णन कौन हैं और किस बैच के आईपीएस हैं?

कौन हैं कुंदन कृष्णन?

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के ADG कुंदन कृष्णन बिहार कैडर के 1994 बैच के IPS अधिकारी हैं। उनकी गिनती बिहार के चर्चित और तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है। कुंदन कृष्णन बिहार में ADG मुख्यालय में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। फिलहाल वे तीन साल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। कुंदन कृष्णन बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनने से पहले राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था। उस समय कुंदन कृष्णन पटना के एसएसपी नियुक्त किए गए थे। कुंदन कृष्णन बिहार में एक ऐसे पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं जो तुरंत कार्रवाई करते हैं। उनके समय में स्थिति ऐसी थी कि बिहार के बड़े-बड़े अपराधी भी उनके नाम से डरते थे।

कुंदन कृष्णन की बाहुबली से हुई भिड़ंत

आईपीएस कुंदन कृष्णन बाहुबलियों से लोहा लेने में भी नहीं हिचकते थे, जिनसे लोगों की रूह कांप उठती थी। यह बात साल 2006 की है। उस वक्त उनकी बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन से भी भिड़ंत हो गई थी। आनंद मोहन को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार का करीबी माना जाता था। दरअसल, आनंद मोहन को देहरादून में पेश होना था। पेशी के बाद आनंद मोहन सीधे पटना पहुंचे, जबकि उन्हें सहरसा जेल जाना था। जहां वे पहले से बंद थे। पटना में उन्होंने रेलवे स्टेशन के पास एक होटल लिया और वहीं ठहरे। इसकी खबर जैसे ही पटना के तत्कालीन एसपी कुंदन कृष्णन को मिली, वे अपनी टीम के साथ आनंद मोहन को गिरफ्तार करने पहुंच गए। बताया जाता है कि उनकी और आनंद मोहन की काफी तीखी बहस और तकरार हुई थी

कैदियों के पीछे AK-47 लेकर भागा

IPS कुंदन कृष्णन के बारे में एक और किस्सा बहुत  ज़्यादा मशहूर है। साल 2002 में छपरा जेल में रह रहे कैदियों ने जेल पर ही कब्जा कर लिया था। बताया जाता है कि उस समय कैदी जेल में मुलाकात के नियमों और दूसरी व्यवस्थाओं को लेकर नाराज थे। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और जमकर फायरिंग भी की। यहां कुल 1200 कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया था। उस समय कुंदन कृष्णन यहां एसपी के पद पर तैनात थे। सूचना मिलते ही वह एके 47 लेकर कैदियों से भिड़ने निकल पड़े थे। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में यहां पर कुल 5 कैदी मारे गए थे।इस घटना में कुंदन कृष्णन का हाथ भी फ्रैक्चर हो गया था। उस समय इस घटना की देशभर में खूब चर्चा हुई थी।