वक्फ एक्ट में बड़े बदलाव कर सकती है मोदी सरकार, संसद में पेश होगा बिल, जानें बिल में क्या-क्या होगा ?
1954 में नेहरू सरकार में बने वक्फ़ एक्ट में मोदी सरकार बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट ने इस एक्ट में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है.
मोदी सरकार 3.0 अपने पहले बजट सत्र में वक्फ़ एक्ट में बड़े संशोधन करने जा रही है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकार के मुताबिक कैबिनेट ने अधिनियम में 40 बदलावों को मंजूरी दे दी है. इस संशोधन से वक्फ़ बोर्ड की शक्तियों में कमी आ जाएंगी. सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को "वक्फ संपत्ति" बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. इस बिल को सरकार अगले हफ्ते संसद में पेश कर सकती है
सरकार के बिल में क्या-क्या ?
मोदी सरकार के बिल में सबसे में अहम संशोधनों में वक्फ बोर्ड के पुनर्गठन, सरंचना में बदलाव और बोर्ड द्वारा किसी संपत्ति को अपना घोषित करने से पहले सत्यापन करना जरूरी होगा.
बिल में वक्फ एक्ट की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन में का प्रस्ताव पेश किया जाएगा. जिससे सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्ड की संरचना को बदला जा सके. ताकि निकायों में महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व का मौका मिल सके.
मोदी सरकार बिल में स्टेट वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई विवादित जमीन के नए सत्यापन की मांग करने का भी प्रस्ताव ला रही है.
विधेयक में वक्फ बोर्डों द्वारा जिस संपत्तियों पर दावा किया जाएगा, उसको अनिवार्य रूप से सत्यापित किया जाएगा.
1954 में लाया गया था वक्फ बोर्ड एक्ट
पूरे देश में वक्फ बोर्ड के पास इस समय 8.7 लाख सो ज्यादा संपत्तियां है. जो करीब 9.4 एकड़ जमीन में फैली हुई है. आजादी के सात साल बाद 1954 में नेहरू सरकार में वक्फ बोर्ड अधिनियम पास किया था. साल 1995 में इस एक्ट में संशोधन करते हुए वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दी गई थी. जिसके तहत वक्फ बोर्ड पूरे देश में जिस संपत्ति को अपना घोषित करता था. वो उसकी हो जाती थी. इसके बाद कई बार इस एक्ट में संशोधन किया जा चुका है.