गणेश उत्सव पर था मर्डर का प्लान, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की Inside Story
पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लगातार सनसनीखेज़ खुलासे हो रहे हैं। वाई श्रेणी की सुरक्षा वाले नेता के पास हत्यारे कैसे पहुंचे ? हत्यारों के पास हथियार कहां से आए ? प्लान कहां और किसने बनाया था ?
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अब तक 2 शूटर धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। तीसरा आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा फरार है जिसे पकड़ने की कोशिश जारी हैं।
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पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लगातार सनसनीखेज़ खुलासे हो रहे हैं। वो शख्स जिसे वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी, हत्यारे उन तक कैसे पहुंचे ? हत्यारों के पास हथियार कहां से आए ? प्लान कहां और किसने बनाया था ? हत्याकांड के बाद से ये तमाम सवाल तैर रहे हैं जिनके जवाब आज जानेंगे।
शनिवार रात ऑटो से आए तीन शूटर्स ने बाबा सिद्दीकी पर कई राउंड फायर किया जिसमें से 2 गोलियां उन्हें लगी और उनकी मौत हो गयी थी। फायरिंग के बाद दो आरोपियों को पुलिस ने मौके से पकड़ाकर उनसे 2 पिस्टल और 28 राउंड गोलियां बरामद की।
घात लगाए हमलावरों ने की गोलियों की बौछार
बाबा सिद्दीकी जब बांद्रा ईस्ट के खेर नगर में अपने विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर निकले तभी घात लगाए बैठे इन तीनों हमलावरों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल तो पहुंचाया गया लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
2 शूटर्स यूपी के बहराइच से
मुंबई पुलिस से के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले 2 शूटर धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा यूपी के बहराइच से हैं. वहीं तीसरा शूटर गुरमेल सिंह हरियाणा के करनाल का रहना वाला है. पुलिस ने धर्मराज और गुरमेल को पकड़ लिया है, जबकि शिवा फरार है. धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं. गुरमेल जहां हरियाणा के कैथल का रहने वाला है।
कबाड़ कारोबारियों के यहां करते थे काम
धर्मराज और शिवा एक ही गांव गंडारा के रहने वाले हैं और दोनों का घर भी पास-पास ही है. उनकी उम्र करीब 18-19 साल बताई जा रही है. दोनों पुणे में कबाड़ कारोबारी के यहां करते थे। पुलिस के मुताबिक हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी पर करीब दो महीने तक नजर रखी। इस दौरान वो कुर्ला में किराए के मकान में रह रहे थे। जिसका किराया 14,000 रुपये था। हर एक हमलावर को इस हत्याकांड के लिए 50,000 की सुपारी मिली थी।
दशहरा नहीं, गणेश उत्सव का था प्लान
अब तक जो जानकारी जामने आयी है उसके मुताबिक तीनों आरोपियों की मुलाकात पंजाब की एक जेल में हुई। जहां ये तीनों अपराध की दुनिया में अपने पैर जमाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर बने। शूटर्स ने पहले गणेशोत्सव के दिन बाबा सिद्दीकी की हत्या का प्लान बनाया था लेकिन बाद में इसे टाला गया और फिर इसे दशहरे वाले दिन अंजाम दिया गया। 9.9 एमएम की पिस्तौल से 6 राउंड फायरिंग की। जिसे पुलिस ने मौके से बरामद भी किया। शूटआउट में इस्तेमाल पिस्तौल को प्रीपेड कूरियर सर्विस के जरिए आरोपियों तक पहुंचाया गया।